बेंगलूरु. राजाजीनगर जैन स्थानक में साध्वी सत्यप्रभा ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह मानव का जन्म अत्यंत दुर्लभ है। इस मनुष्य जन्म को सार्थक करना है तो समय मात्र का हमें प्रमाद नहीं करना चाहिए। प्रमाद ही जीवन निर्माण में बाधक होता है। प्रमाद छोड़े बिना सम्यक मार्ग पर नहीं बढ़ सकते हैं। प्रमाद हमारी आत्मा का दुश्मन है। भौतिकता की चकाचौंध में हर व्यक्ति भागदौड कर रहा है। यह मानव का चोला चिंतामणि रत्न से बढकर मिला है। जैसे एक बार रत्न हाथ से निकला उसे फिर से प्राप्त करना दुर्लभ है। ठीक वैसे ही मानव जीवन की प्राप्ति पुनः दुर्लभ है।
इस के पूर्व साध्वी ने कहा कि समय का सदुपयोग कर समय की सार्थकता को पहचानेगे तो जीवन सार्थक हो जाएगा।
प्रतिदिन प्रवचन 9.15 से तथा रविवार को 8.15 से रहेगा। इस अवसर पर संघ के भंवरलाल चोरडिया , महावीरचंद धोका , ज्ञानचंद लोढ़ा ,प्यारेलाल टपरावत , धीरज नाहर व अन्य उपस्थित थे। राजाजीनगर संघ अध्यक्ष प्रकाशचंद चाणोदिया ने आभार ज्ञापित किया और संचालन संघ मंत्री नेमीचंद दलाल ने किया।
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