गले के कैंसर के लक्षणों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यदि प्रारंभिक अवस्था में इन लक्षणों से कैंसर की पहचान कर ली जाए तो यह जानलेवा साबित नहीं होता। इसके लिए मरीज को इन लक्षणों का थोड़ा सा भी आभास होते ही बिना डरे योग्य चिकित्सक से अपना इलाज करवाना चाहिए।कार्यक्रम में मंडल के पदाधिकारी एवं सदस्य, फैक्ट्री के मालिक राजेंद्र पींचा भी उपस्थित रहे। मंडल ने मुख्य वक्ता डॉ. मेहता का सम्मान किया। सुनीता – राजेंद्र पींचा का विशेष योगदान रहा। संचालन हंसा दुगड़ एवं ने किया। आभार अनीता जीरावला ने जताया।