मानसगंगोत्री के विशाल परिसर की सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा एजेंसी के सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है जबकि दिन रात के समय परिसर की निगरानी के लिए विशेष गश्ती दल गठित है। साथ ही कुछ विशेष क्षेत्रों की निगरानी सीसीटीवी कैमरोंं से की जाती हैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब पूरे मानसगंगोत्री पर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखने की योजना बनाई है। इसके लिए पूरे परिसर में करीब ७०० से सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। फुटेज पर २४ घंटों नजर रखने के लिए एक विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा जिससे पूरे परिसर की गतिविधियों को एक जगह बैठकर देखा जा सकेगा।
परिसर में कैमरे लगाने की जगहों का चयन कर लिया गया है और इस पर काम भी शुरू हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि एक से दो महीने में सभी ७०० कैमरे लग जाएंगे जिसके बाद मानसगंगोत्री को किसी भी अप्रिय घटनाओं से सुरक्षित रखा जा सकेगा। साथ ही अगर कोई अप्रिय घटना हुई या किसी प्रकार की घटना से संबंधित शिकायत आई तो संबंधित क्षेत्र का पूरा ब्योरा नियंत्रण कक्ष में रेकॉर्ड रहेगा। इसे आसानी से देखा जा सकेगा कि निर्धारित समय पर वहां क्या हुआ था।
परिसर में २३९ एकड़ में कुक्करहल्ली झील
मानसगंगोत्री के हरे भरे परिसर की खूबसूरती में २३९ एकड़ में फैली कुक्करहल्ली झील चार चांद लगाती है। झील परिसर में टहलने के लिए हर दिन सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में मैसूरुवासी पहुंचते हैं। बाहरी लोगों के बड़ी संख्या में होने से कई बार अप्रिय घटनाओं की संभावना बनी रहती है। साथ ही झील या बाहरी परिसर में गंदगी फैलाने वाले भी रहते हैं। सीसीटीवी कैमरे लग जाने से ऐसे लोगों की आसानी से पहचान संभव होगी।
निजी वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध का प्रस्ताव
मानसगंगोत्री को वायु एवं ध्वनि प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए हरित आवागमन सेवाओं को अपनाया जा रहा है। हाल ही में मैसूर विश्वविद्यालय ने निजी वाहनों, विशेषकर ऑटोरिक्शा, टैक्सियों और माल वाहनों के मानसगंगोत्री में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं, छात्रों और कर्मचारियों के वाहनों को अपना पहचान प्रमाण दिखाने के बाद अनुमति दी जा रही है। अधिकारियों ने आने वाले दिनों में परिसर में निजी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है। यहां तक कि पिछले एक सप्ताह से इस दिशा में प्रयोगात्मक प्रतिबंध लागू किया जा चुका है जिसके अध्ययन पर आगे की कार्रवाई होगी।
मानसगंगोत्री के हरे भरे परिसर की खूबसूरती में २३९ एकड़ में फैली कुक्करहल्ली झील चार चांद लगाती है। झील परिसर में टहलने के लिए हर दिन सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में मैसूरुवासी पहुंचते हैं। बाहरी लोगों के बड़ी संख्या में होने से कई बार अप्रिय घटनाओं की संभावना बनी रहती है। साथ ही झील या बाहरी परिसर में गंदगी फैलाने वाले भी रहते हैं। सीसीटीवी कैमरे लग जाने से ऐसे लोगों की आसानी से पहचान संभव होगी।
निजी वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध का प्रस्ताव
मानसगंगोत्री को वायु एवं ध्वनि प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए हरित आवागमन सेवाओं को अपनाया जा रहा है। हाल ही में मैसूर विश्वविद्यालय ने निजी वाहनों, विशेषकर ऑटोरिक्शा, टैक्सियों और माल वाहनों के मानसगंगोत्री में प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं, छात्रों और कर्मचारियों के वाहनों को अपना पहचान प्रमाण दिखाने के बाद अनुमति दी जा रही है। अधिकारियों ने आने वाले दिनों में परिसर में निजी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है। यहां तक कि पिछले एक सप्ताह से इस दिशा में प्रयोगात्मक प्रतिबंध लागू किया जा चुका है जिसके अध्ययन पर आगे की कार्रवाई होगी।
कैमरों से सुनिश्चित होगी सुरक्षा
मानसगंगोत्री के विशाल परिसर पर २४ घंटे निगरानी करने में सीसीटीवी कैमरे मददगार होंगे। इससे अप्रिय घटनाओं को रोकना और निगरानी करना संभव होगा। निजी वाहनों के प्रवेश का प्रतिबंध करने से प्रदूषण रोकने में सहयोग मिलेगा। छात्रों, कर्मचारियों और आगंतुकों की सुविधा के लिए विशेष पर्यावरणहितैषी वाहन की सुविधा रहेगी।
-जी हेमंत कुमार, कुलपति, मैसूरु विश्वविद्यालय
मानसगंगोत्री के विशाल परिसर पर २४ घंटे निगरानी करने में सीसीटीवी कैमरे मददगार होंगे। इससे अप्रिय घटनाओं को रोकना और निगरानी करना संभव होगा। निजी वाहनों के प्रवेश का प्रतिबंध करने से प्रदूषण रोकने में सहयोग मिलेगा। छात्रों, कर्मचारियों और आगंतुकों की सुविधा के लिए विशेष पर्यावरणहितैषी वाहन की सुविधा रहेगी।
-जी हेमंत कुमार, कुलपति, मैसूरु विश्वविद्यालय