हालांकि राजस्थान में बढ़े मतदान प्रतिशत ने दोनों राष्ट्रीय दलों के समर्थकों को खुश होने का मौका दिया है। दोनों दलों के समर्थकों का मानना है कि उनके पक्ष में भारी मतदान हुआ है। वर्ष 2018 में जहां राजस्थान में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था वहीं इस बार यह 74.96 प्रतिशत रहा।
राजस्थान में सगे-संबंधियों से हो रही बातचीत में स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आ रही है। राजस्थान से मिल रहे अनिश्चितता भरे जवाबों से यह तय नहीं हो पा रहा है कि राज बदलेगा या रिवाज। मतदान के लिए राजस्थान गए लोग कहते हैं कि हमारे क्षेत्र में तो जोरदार वोटिंग हुई है लेकिन परिणाम के लिए कुछ कहा नहीं जा सकता।
रविवार को होने वाली मतगणना में किसके हाथ लगेगी जीत और कौन हारेगा, पता चल जाएगा। फिलहाल तो प्रवासी एक ही बात कह रहे हैं, कुछ कह नहीं सकते।