उन्होंने यहां मंगलवार को मीडिया से कहा, मुझे यह चिंता नहीं है कि गठबंधन जारी रहेगा या नहीं। मैं यौन उत्पीडऩ के पीडि़तों को न्याय दिलाने को लेकर चिंतित हूं। गठबंधन जारी रहना चाहिए या नहीं, यह मेरे ऊपर नहीं है। मैं चाहता हूं कि गठबंधन दीर्घकालिक हो। मैं किसी को शर्मिंदा नहीं करना चाहता। कोई भी निर्णय भाजपा नेता लेंगे। वे कुछ भाजपा नेताओं के उस बयान के परिप्रेक्ष्य में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे कि कर्नाटक में गठबंधन जारी रहेगा या नहीं इस पर भाजपा के केंद्रीय नेता फैसला करेंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा और जनता दल-एस गठबंधन ने कांग्रेस को डरा दिया है और कांग्रेस की प्रगति पर ब्रेक लगा दिया है। कांग्रेस नेता इसे लेकर चिंतित हैं। उन्होंने गठबंधन सहयोगियों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
जद-एस के सूत्रों ने कहा कि कुमारस्वामी ने न केवल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के केंद्रीय नेताओं से बात की है।। वे भजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा सहित भाजपा के राज्य नेताओं के साथ भी लगातार संपर्क में हैं।
विधान परिषद चुनाव में तालमेल संभव
इस बीच, विधान परिषद में छह सीटों (स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए तीन-तीन) के लिए चुनाव की घोषणा की गई है, जिसके लिए नामांकन की अंतिम तिथि 16 मई है। जद-एस और भाजपा के सूत्रों के अनुसार सीट-बंटवारे के तौर-तरीकों पर चर्चा के लिए अगले कुछ दिनों में एक बैठक आयोजित की जाएगी। उम्मीद है कि जद-एस दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।