इसी ट्रक के कैबिन में एक शव भी मिला है, हालांकि, अभी इसकी पहचान होना बाकी है। ट्रक के मालिक मुनाफ ने पुष्टि की है कि अर्जुन उसी ट्रक को चला रहा था, जब यह हादसा हुआ। यह ट्रक खोज अभियान के तीसरे फेस के दौरान ड्रेजिंग ऑपरेशन में मिला।
टीम ने खराब मौसम की चुनौतियों के बावजूद खोज जारी रखी और आखिरकार सीपी 2 क्षेत्र से ट्रक की बॉडी मिल गई। अधिकारियों ने शव को ट्रक से निकालकर किनारे लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य की सिद्धरामय्या सरकार सर्च ऑपरेशन में ड्रेजर के इस्तेमाल का 1 करोड़ रुपए खर्च उठा रही है।
16 जुलाई की सुबह अर्जुन का ट्रक पनवेल-कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कर्नाटक-गोवा सीमा के पास भूस्खलन की चपेट में आया था। उस समय अर्जुन बेलगाम के रामनगर डिपो से एकेशिया लकड़ियां लेकर एदवन्ना लौट रहा था।इससे पहले सोमवार को तलाशी अभियान के दौरान मानव कंकाल के कुछ अवशेष मिले थे, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
सर्च ऑपरेशन में शामिल गोताखोर विशेषज्ञ ईश्वर मालपे ने रविवार को खोज छोड़ दी थी, उनका आरोप था कि प्रशासन और जिला पुलिस प्रमुख ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, जिसके चलते उन्होंने अभियान रोक दिया।
लेकिन दूसरी ओर, टीम ने ड्रेजर मशीन की मदद से गंगावली नदी में खोज जारी रखी। गोवा से लाए गए ड्रेजर ने गुजरात के गोताखोरों के साथ मिलकर ऑपरेशन को आगे बढ़ाया और आखिरकार ट्रक के इंजन समेत बॉडी को ढूंढ निकाला।