इस बीच, राजस्व मंत्री कृष्ण बैरेगौड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बताया कि एक ट्रक को पानी में निश्चित रूप से पाया गया है और नौसेना के गहरे गोताखोर जल्द ही लंगर डालने का प्रयास करेंगे। नदी की खुदाई के लिए लॉन्ग आर्म बूमर एक्सकेवेटर का उपयोग किया जाएगा। खोज के लिए उन्नत ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट अंडरग्राउंड ब्यूरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम भी तैनात किया गया था। तटरक्षक बल पानी में लापता शवों की हेलीकॉप्टर से खोज करेगा।
इस बीच, क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है। अगर मौसम अनुकूल रहा, तो तलाशी अभियान रात में जारी रहने की संभावना है। पिछले नौ दिनों की तलाश के बाद अब लॉरी मिल गई है। बचाव अभियान में सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, अग्निशमन बल, पुलिस और अन्य स्वयंसेवकों ने भाग लिया। केरल से पुलिस, मोटर वाहन विभाग और अग्निशमन बचाव सेवा के कर्मी भी अभियान में शामिल थे।
16 जुलाई की सुबह कोझीकोड के कन्नड़िक्कल के मूल निवासी अर्जुन (30) कर्नाटक-गोवा सीमा के पास पनवेल-कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुके थे, तभी यह हादसा हुआ। उनकी लॉरी का जीपीएस आखिरी बार उस स्थान पर था, जहां भूस्खलन में एक चाय की दुकान के मालिक सहित 10 लोगों की मौत होने की आशंका थी।
यहां करीब 10 मीटर की ऊंचाई तक मिट्टी जमी हुई थी। इलाके में कई दिनों से हो रही भारी बारिश ने बचाव अभियान के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी थी। बचावकर्मियों ने तमाम मुश्किलों को पार करते हुए लॉरी को ढूंढ निकाला।