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बैंगलोर

महापुरुषों ने दिया सामायिक व स्वाध्याय का संदेश: साध्वी विजयलता

राजाजीनगर स्थानक में प्रवचन

बैंगलोरJan 22, 2024 / 02:23 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. राजाजीनगर स्थानक में साध्वी विजयलता ने सामायिक का वर्णन करते हुए कहा कि जैन धर्म में सामायिक और स्वाध्याय का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे महापुरुषों ने मानव की ज्ञान चेतना को जागृत करने एवं उसे तनाव रहित बनाने के लिए हमें सामायिक और स्वाध्याय का संदेश दिया है। भगवान महावीर ने सामायिक करने वाले श्रावक-श्राविका को पुण्यशाली बताया है। सामायिक का अर्थ है समता की साधना । शुद्ध भाव से की गई सामायिक मुक्ति द्वार तक ले जाती है। सामायिक में अधिक से अधिक स्वाध्याय करना श्रेयस्कर है । इससे हमारी समता की साधना के साथ-साथ ज्ञान वृद्धि भी हो सकेगी।
साध्वी प्रज्ञाश्री ने कहा कि अपने जीवन में समता की स्थापना ही सामायिक का सार है। मन वचन और काया की शुद्धता से की हुई सामायिक हमारे लिए वरदान बन सकती है। समभाव की आराधना ही सामायिक है। यदि जीवन में समभाव नहीं आया तो यह जीवन , चाहे साधु का हो या श्रावक का, सार्थक नहीं होगा।
इस मौक़े पर जैन कांफ्रेंस प्रांतीय अध्यक्ष पुखराज मेहता एवं मंड्या से बोहरा परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। संचालन संघ मंत्री नेमीचंद दलाल ने किया। संघ अध्यक्ष प्रकाशचंद चाणोदिया ने आभार ज्ञापित किया।

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