गर्भ से ही मिलते हैं बच्चों को संस्कार: साध्वी सिद्धप्रभा
बेंगलूरु .तेरापंथ महिला मंडल, यशवंतपुर की ओर से सभाभवन में साध्वी सिद्धप्रभा ठाणा 4 के सान्निध्य में पौध को सींचें कार्यशाला का आयोजन हुआ। साध्वी सिद्धप्रभा ने कहा कि अभिभावक का दायित्व जब शिशु गर्भ में प्रवेश करता है तभी से शुरू हो जाता है। माता की क्रिया से सही-गलत के संस्कार उसमे संप्रेषित होते हैं। वह गर्भ से ही माता के जरिए बाहरी दुनिया व संस्कार से परिचित होता है। पैरेंटिंग की शुरूआत वहीं से हो जाती है। अभिभावकों को हमेशा क्षमाभाव और कृतज्ञभाव को जीवन में साथ रखना चाहिए जिससे उनके लालन पालन में निखार आता है और वही भाव बच्चों के संस्कार बन जाते हैं। सीपीएस ट्रेनर दिव्या जैन ने अपने प्रशिक्षण सत्र में अभिभावक और बच्चों के बीच एक सुदृढ सेतु के निर्माण का तरीका बताया। कहा कि पैरेन्टिंग को कलात्मक तरीके से निभाना आज के समय की जरूरत है। इसे ईश्वर का सुंदर उपहार मानकर स्वीकार करना चाहिए।
अध्यक्ष मीना दक ने स्वागत किया। मंत्री लता भंसाली ने वक्ता का परिचय दिया। आभार संगीता बाबेल ने जताया।
इस मौके पर टीना पितलिया ,चंद्रा दक ने दिव्या जैन का सम्मान किया। ललिता भंसाली ने संचालन किया। पिस्ता बोराणा, संगीता बरडिया, रेखा मेहता, निकिता बरडिया, सपना भंसाली आदि की उपस्थिति रही।
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