ग्रीनपीस इंडिया की नवीनतम रिपोर्ट ‘स्पेयर द एयर-2’ के अनुसार दक्षिणी राज्यों के 10 प्रमुख शहरों में औसत पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा निर्धारित वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों से काफी अधिक पाया गया है। इस रिपोर्ट में बेंगलूरु, मैसूर, हैदराबाद, चेन्नई, विशाखापट्टणम, कोच्चि, मेंगलुरु, अमरावती, विजयवाड़ा, विशाखापट्टणम और पुद्दूचेरी के वायु गुणवत्ता मानकों का विश्लेषण किया गया है।
अध्ययन में पाया गया कि विशाखापट्टणम में पीएम 2.5 डब्लूएचओ दिशानिर्देशों से 10 गुणा और पीएम10, नौ गुणा अधिक है और एनएएक्यूएस सीमाओं को भी काफी हद तक पार कर गया है। डब्लूएचओ के दिशानिर्देशों की तुलना में, हैदराबाद, विजयवाड़ा, कोच्चि, मंगलुरु, अमरावती और चेन्नई में वार्षिक औसत पीएम 2.5 का स्तर 6 से 7 गुणा अधिक पाया गया है। इसके अलावा, पीएम10 के स्तर की तुलना डब्लूएचओ के दिशा-निर्देशों से करने पर पता चलता है कि बेंगलूरु, पुद्दुचेरी और मैसूरु का वार्षिक औसत इन दिशा-निर्देशों से 4 से 5 गुणा अधिक है।
रिपोर्ट की मुख्य शोधकर्ता आकांक्षा सिंह के मुताबिक सभी शहरों में पार्टिकुलेट मैटर का स्तर डब्लूएचओ के संशोधित दिशा-निर्देशों से कहीं ज्यादा हो चुका है। जबकि वर्तमान प्रयास उन शहरों पर केंद्रित हैं जो राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं, उन शहरों पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है, जो वर्तमान में अनुपालन कर रहे हैं।