गौरतलब है कि उप स्वास्थ्य केंद्र सेरंगदाग में पदस्थ ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक सुनील मिंज पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि वह पिछले करीब 7 साल से यहां जमे हुए हैं। शुरू में उन्होंने ठीक से काम किया, लेकिन समय के साथ वे अपने विभाग से जुड़े स्वास्थ्य सेवा के काम में रुचि न लेते हुए गांव के किसानों की जमीनों को किराए पर लेकर मिर्ची, मक्का, टाऊ सहित अन्य फसलों की खेती करने में पूरी तरह से रम गए हैं।
इन व्यवसायिक खेती में उन्हें अच्छा मुनाफा होने से पिकअप वाहन भी खरीद कर रख लिए हैं। अब वे अपना विभागीय कार्य करने में तनिक भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि शाम होते ही आरएचओ द्वारा अक्सर उप स्वास्थ्य केंद्र बंद कर कृषि कार्य में उन्हें सहयोग देने वाले गांव के युवकों के साथ दारू-मुर्गा पार्टी (Liquor-chicken party in hospital) की जाती है।
ग्रामीणों ने आरएचओ सुनील मिंज को यहां से हटाकर अन्यत्र तबादला करने की मांग की थी। इस मामले को लेकर पत्रिका ने 25 मई 2024 के अंक में ‘उप स्वास्थ्य केंद्र में युवकों के साथ दारु मुर्गा पार्टी करते हैं आरएचओ’ नामक शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
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पत्रिका द्वारा खबर प्रशासन के बाद मामले को प्रशासन ने संज्ञान में ले लिया है। शनिवार को एसडीएम करुण डहरिया के नेतृत्व में बनी प्रशासन की जांच टीम ग्राम सेरंगदाग के उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। यहां ग्रामीणों की उपस्थिति में मामले की जांच में शिकायत सही पाई गई। जांच टीम में एसडीएम के अलावा कुसमी तहसीलदार शशिकांत दुबे, बीएमओ डॉ. सतीश पैकरा, पर्यवेक्षक डीपी गुप्ता सहित अन्य शामिल रहे। एसडीएम करुण डहरिया ने बताया कि जांच प्रतिवेदन कलेक्टर सर को भेज दिया गया है। जांच में संबंधित कर्मचारी द्वारा सिविल सेवा आचरण अधिनियम का उलंघन करना पाया गया है।