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Teej Shubh Muhurat 2024: इस साल हरितालिका तीज पर बन रहा दुर्लभ नक्षत्रों का शुभ संयोग, जानें रात्रि पूजा का क्या है विशेष महत्व…

Teej Shubh Muhurat 2024: इस बार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा।

बलोदा बाज़ारSep 05, 2024 / 08:46 am

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Teej Shubh Muhurat 2024: हिंदू धर्म में तीज त्यौहार काफी अहम माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए व्रत रखती हैं और पूजा-पाठ करती हैं। यह त्यौहार इस बार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा। इस दिन सुहागिनें निर्जला व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती की आराधना करती हैं। इससे उन्हें मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
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ये व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बढ़ती है। अगर शुभ मुहूर्त में इस दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाए तो इसके शुभ परिणाम भी देखने को मिलते हैं। आइये जानते हैं कि 2024 में हरतालिका तीज पर कौन सा वो शुभ मुहूर्त है जिसमें लाभ मिलेगा। साथ ही इस दिन 3 दुर्लभ योग भी बन रहे हैं। ये योग भी काफी लाभदायक हैं और इंसान की मन मांगी मुराद पूरी करते हैं।

रात्रि पूजा का विशेष महत्व

तीजा में रात्रि पूजा का महत्व है। सिविल लाइंस निवासी पं. पृथ्वीपाल द्विवेदी ने बताया, पुराणों के अनुसार माता पार्वती ने दिनभर निर्जला व्रत रख रात में शिवजी की पूजा की थी। लिहाजा तीजा की पूजा रात में ही करनी चाहिए। द्विवेदी ने बताया, इस दिन निर्जला व्रत रखकर रात में भगवान शिव, पार्वती की पूजा करनी चाहिए। रात में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए। तीजा की रात कोशिश होनी चाहिए कि नींद न आए। तीजा के दूसरे दिन विसर्जन के बाद सबसे पहले प्रसाद ग्रहण कर ही व्रत का पारणा करना चाहिए।

दुर्लभ नक्षत्रों का शुभ संयोग

इस साल हरितालिका तीज पर दुर्लभ ग्रह-नक्षत्रों मिलकर शुभ संयोग बना रहे हैं। पं. ऐश्वर्य शर्मा ने बताया, सुहागिन महिलाएं चौकी सजाकर उसके ऊपर भगवान शिव, माता पार्वती की मूर्ति रखकर कलश की स्थापना करें। फिर 16 श्रृंगार सामग्री, अगरबत्ती, धूप, दीप, शुद्ध घी, पान, कपूर, सुपारी, नारियल, चंदन, फल और फूल के साथ आम, केला, बेल व शमी के पत्ते से पूजा करें। हरतालिका तीज व्रत की कथा का पाठ करें। फिर आरती के बाद श्रद्धा से भोग लगाकर क्षमा-याचना करें। पूजा के बाद विधि विधान से व्रत का पारणा करें।

किस वक्त कौन सा योग

ज्योतिषियों ने बताया, तृतीया तिथि गुरुवार दोपहर 12.21 बजे से शुरू हो जाएगी। ये 6 सितंबर दोपहर 3.01 बजे तक रहेगी। हरितालिका तीज का निर्जला व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन ग्रह, नक्षत्र भी अच्छी स्थिति में हैं। 6 सितंबर की सुबह पहले दुर्लभ शुक्ल योग, फिर ब्रह्म योग बन रहा है। सुबह 9.25 से 7 सितंबर सुबह 6.02 बजे तक रवि योग, रात 10.15 बजे तक शुक्ल योग रहेगा। इन शुभ योगों में पूजा से कई गुना अधिक पुण्य मिलेगा।

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