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कंडेल नहर सत्याग्रह के समय गांधी की देशभक्ति से हुए प्रभावित : बालोद जिला निवासी देवधर, गिरधारी ने बताया कि मंदिर बहुत पुराना है। बालोद जिले के अलावा धमतरी, कांकेर जिले से भी लोग बड़ी संख्या में जुड़कर गांधी की पूजा करते हैं। शिवराम ने बताया कि 1920 में (Gandhi Jayanti 2023) जल सत्याग्रह में महात्मा गांधी धमतरी जिले के ग्राम कंडेल आए थे, तभी उनके भाषण व राष्ट्रभक्ति को देख लोग मुरीद हो गए। छठियारा के ग्रामीणों ने एक छोटी सी कुटिया में गांधी की फोटो रखकर पूजा करने लगे। धीरे-धीरे मंदिर को लोग जानने लगे। यह भी पढ़ें
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शराब व मांस पर प्रतिबंध, सादगी से करते हैं पूजा Gandhi Jayanti 2023: मंदिर परिसर में शराबखोरी, मांस या किसी भी प्रकार का नशा प्रतिबंधित है। जिस तरह से गांधी सादे वस्त्र में रहते थे, वैसे ही वस्त्र पहनकर पूजा की जाती है। बुनकर भी खादी के कपड़े मंदिर में चढ़ाते हैं। मंदिर को देखने व यहां की परंपरा को समझने दूर-दूर से लोग आते हैं। प्राकृतिक वातावरण भी आकर्षण का केंद्र Gandhi Jayanti 2023: गंगरेल के डुबान में स्थापित मंदिर प्राकृतिक वातावरण रमणीय है। इस जगह की खूबसूरती को देखने बड़ी संख्या में लोग आते हैं। पहाड़ की ऊंचाई से गंगरेल जलाशय का पानी और हरियाली के साथ चलती ठंडी हवा लोगों को आकर्षित करती है।