तीन साल पहले मिली थी पुल निर्माण की स्वीकृति
इस नाले में 3 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से पुल का निर्माण होना है। 11 माह पहले ही यहां पुल निर्माण के लिए भूमिपूजन भी कर लिया गया लेकिन 11 माह बाद भी पुल निर्माण के लिए एजेंसी तय नहीं की जा सकी। शासन के काम में इतनी ढिलाई से ऐसा लग रहा है कि सरकार को इस नाले में किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है। दुर्घटना के बाद ही निर्माण शुरू कराया जाएगा। दरअसल इस नाले में पुल का निर्माण अब तक शुरू हो जाना था क्योंकि लगभग तीन साल पहले पुल निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। यह भी पढ़ें
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नाले का जल स्तर कम हुआ तो गए थे स्कूल, तेज बारिश से जल स्तर बढ़ा तो वापस आ गए
शनिवार को जिले में सुबह से कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश हुई। शाम 6 बजे तक बारिश जारी रही। दरअसल नाला पार कर ग्राम पसौद सहित आसपास गांव के बच्चे स्कूल आना-जाना करते हैं। सुबह तो स्कूल चले गए लेकिन जब तेज बारिश शुरु हुई तो नाले में कहीं जलस्तर न बढ़ जाए, यह सोचकर स्कूल से छुट्टी मांगकर घर आ गए। जब तक नाले का जल स्तर बढऩे लगा था। यह देखे :
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नाले में पानी अधिक होने से एक सप्ताह से घर पर हैं कई विद्यार्थी
दरअसल जिले में बीते एक सप्ताह से लगातार बारिश जारी है। बीते दिनों तो बहुत तेज बारिश हुई, जिससे जिले के सेमरिया बोरी नाला सहित कई नदी नाले उफान पर थे। नाले में जलभराव अधिक होने के कारण ग्राम पसौद के कई स्कूली बच्चे, जो खपरी व लाटाबोड़ स्कूल आते हैं, वह नहीं आ पाए। एक सप्ताह तक नाला उफान पर था। वहीं शुक्रवार की शाम तक जब नाले का जलस्तर कम हुआ तो शनिवार को स्कूल गए लेकिन बारिश से फिर जलस्तर बढऩे लगा तो स्कूल से वापस आ गए। यह देखे :
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3 करोड़ 10 लाख की लगात से बनना है 75 मीटर लंबा पुल
पुलिया व नाले में कभी भी अनहोनी हो सकती है पर सब जानकर भी सरकार व जिला प्रशासन ने आखें मूंद ली है। तभी तो आज तक इस पर कुछ नहीं हो पाया। दरअसल इस नाले पर 3 करोड़ 10 लाख 86 हजार रुपए की लगात से 75 मीटर लंबा व 8.40 मीटर चौड़ा पुल बनाना है। यह भी पढ़ें