ऐसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
पुलिस के मुताबिक 24 सितंबर को बीजापुर निवासी बबलू उर्फ मधु नक्सली बनकर आत्मसमर्पण करने आया था। साथ ही बीजापुर निवासी सुदेश और ओमप्रकाश नेताम निवासी मानपुर उसके परिजन बनकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे थे। पुलिस ने नक्सली आत्मसमर्पण मामले में तीनों से कड़ाई से पूछताछ की और उनके परिजनों से भी जानकारी ली, तब पता चला कि कोई नक्सली नहीं है। यह भी पढ़ें
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रोजगार की तलाश में बने फर्जी नक्सली
पुलिस पूछताछ में तीनों ने बताया कि उसे रोजगार की तलाश है रोजगार नहीं मिल रहा था। एक नक्सली किताब हाथ लगी, जिसमें नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर शासन की योजना के तहत मिलने वाली सरकारी नौकरी व नगद राशि पाने नक्सली बनकर आत्मसमर्पण करने पहुंचे थे। पुलिस ने धारा 319(2), 61(2) के तहत न्यायिक रिमांड पर उन्हें जेल भेजा दिया।ओमप्रकाश मास्टर माइंड, एक साल से बना रहा था योजना
बालोद एसडीओपी देवांश सिंह ठाकुर ने बताया कि फर्जी नक्सली मामले का मास्टर माइंड प्रकाश नेताम है। अपने दोस्त सुदेश के साथ मिलकर नक्सली के रूप में आत्मसमर्पण करने की योजना बनाई। सुदेश ने अपने साले बब्लू उर्फ मधु योजना के बारे में बताया। उसे नक्सली बनाया। यह भी पढ़ें