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बालोद

पुरस्कार पाने में जिला अस्पताल के चिकित्सकों की कमी बन रही बाधा

हर जिले में मरीजों को उत्कृष्ट व बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने शासन कायाकल्प योजना अंतर्गत रैंक दे रहा है। जो शासकीय अस्पताल इस योजना के तहत शतप्रतिशत बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उसे 50 लाख का पुरस्कार दिया जाएगा।

बालोदDec 19, 2023 / 05:17 pm

Chandra Kishor Deshmukh

पुरस्कार पाने में जिला अस्पताल के चिकित्सकों की कमी बन रही बाधा

बालोद. हर जिले में मरीजों को उत्कृष्ट व बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने शासन कायाकल्प योजना अंतर्गत रैंक दे रहा है। जो शासकीय अस्पताल इस योजना के तहत शतप्रतिशत बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उसे 50 लाख का पुरस्कार दिया जाएगा। दो साल से जिला अस्पताल को कायाकल्प योजना के तहत सिर्फ सांत्वना पुरस्कार ही मिल रहा है। हर बार जिला अस्पताल के पुरस्कार से वंचित रहने का प्रमुख कारण है चिकित्सकों की कमी। जिला अस्पताल में चिकित्सकों की भर्ती हो जाए तो बेहतर इलाज के साथ बेहतर अंक भी मिल सकता है।

जिला स्तर की टीम आ चुकी, अब राज्य की टीम आएगी
इस बार भी 2023-24 कायाकल्प योजना पुरस्कार की तैयारी शुरू हो चुकी है। जिला स्तर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम जिला अस्पताल का निरीक्षण कर चली गई है। बीते माह ही कवर्धा जिला अस्पताल की टीम बालोद पहुंची थी। अब राज्य स्वास्थ्य विभाग की टीम आएगी। टीम कब आएगी, यह तय नहीं हुआ है।

ओपीडी से लेकर दवाई वितरण तक ऑनलाइन व्यवस्था
योजना के तहत पुरस्कार लेने एवं ऑनलाइन रिकॉर्ड में अस्पताल को उत्कृष्ट रखने साफ-सफाई, बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। जिला अस्पताल में भी स्वास्थ्य व्यवस्था पहले की तुलना में सुधरी है। जिला अस्पताल में ओपीडी पर्ची से लेकर दवाई भी ऑनलाइन दी जा रही है। जिला अस्पताल में वर्तमान स्थिति में ओपीडी में लगभग 450 से 550 मरीज रोज आते हैं।

सफाई एवं प्रसव में सबसे ज्यादा मिले अंक
जिला अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था पर निरीक्षण टीम ने संतोष व्यक्त किया। इसके अलावा जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली, सहित अन्य क्रियाकलापों पर भी रिपोर्ट बनाकर संचालनालय को भेज दिया है।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी

जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के कुल 18 पद स्वीकृत हैं। इसमें से मात्र तीन की भर्ती हुई है। कुछ विशेषज्ञ खनिज न्यास से भर्ती किए गए हैं। अभी भी कई पद खाली हैं। इसमें मनोरोग, ईएनटी व निश्चेतना रोग विशेषज्ञ शामिल हंै। इन विशेषज्ञों की भर्ती हो जाती है तो लोगों को इलाज के लिए दुर्ग, भिलाई, रायपुर नहीं जाना पड़ेगा।

आखिर क्यों नहीं भेज रहे विशेषज्ञ

जिला अस्पताल ने स्वास्थ्य संचालनालय को लगातार पत्र भी लिखकर रिक्त पदों पर भर्ती की मांग की है, लेकिन अभी तक शासन स्तर से भी कोई पहल नहीं हुई है। जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सकों की भर्ती जरूरी है।

हर तीन घंटे में जांच करें
जिला अस्पताल में सभी सुविधाएं बेहतर करने के कर्मचारियों के लिए नया नियम बनाया है। कर्मचारी हर वार्डों में घूमकर शौचालय, नल, बेसिन, कचरा पेटी की निगरानी करेंगे और स्थिति बताएंगे। इस काम की रिपोर्ट हर तीन घंटे में सलाहकार को देंगे। कमी पाई तो तत्काल उस समस्या का समाधान कराया जाएगा।

अस्पताल में कई नए प्रयोग किए जा रहे
जिला अस्पताल बालोद के सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने जिला अस्पताल में कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं। पहले की तुलना स्वास्थ्य सुविधा और व्यवस्था सुधरी है। सुधारने का प्रयास भी किया जा रहा है।

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