बालोद

कला का नायाब नमूना ओना-कोना, गंगरेल के डूबान के एक कोने में फैला विशाल मंदिर, अफसोस कई ऐसे विरासत जिन्हें नहीं मिली पर्यटन की प्रसिद्धि

विश्व पर्यटन दिवस पर पढि़ए बालोद जिले के पर्यटन स्थलों के बारे मेंप्रशासन की सुस्त चाल से अब तक इन पर्यटन स्थलों को विकसित नहीं किया जा सका है (World Tourism Day 2020)

बालोदSep 27, 2020 / 05:00 pm

Dakshi Sahu

कला का नायाब नमूना ओना-कोना, गंगरेल के डूबान के एक कोने में फैला विशाल मंदिर, अफसोस कई ऐसे विरासत जिन्हें नहीं मिली पर्यटन की प्रसिद्धि

सतीश रजक@बालोद. आज विश्व पर्यटन दिवस मनाया जा रहा है। बालोद जिले में भी पर्यटन स्थल के रूप में कई रोचक व रहस्यमयी जगह है, जिसे वर्षों से जिलेवासी पर्यटन स्थल में शामिल करने की मांग कर रहे है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि सरकार ने सिर्फ पर्यटन स्थल में शामिल करने की घोषणा है। प्रदेश के पर्यटन स्थलों की सूची में अब तक नाम दर्ज नहीं कर पाई है। ये ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां बॉलीवुड, भोजपुरी व छत्तीसगढ़ी फिल्मों की शूटिंग भी होती है। आज ये पर्यटन स्थल आज भी उपेक्षित हैं। (ona kona temple balod chhattisgarh)
तांदुला की खूबसूरती से अब तक लोग हैं अछूते
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के कुछ साल बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 1912 में अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए तांदुला जलाशय को उसकी प्राकृतिक सुंदरता, घने वन, पहाड़ों से घिरे होने के कारण पर्यटन स्थल में शामिल किया गया। जिला बनने के बाद इसे संवारने का प्रयास जिला प्रशासन ने किया। अधूरी योजना के कारण छत्तीसगढ़ व जिले का यह पर्यटन स्थल आज भी उपेक्षित है। यहां पर्यटक तो रोजाना आते हैं। बारिश के दिनों में इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है। लेकिन यहां पर्यटकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि यह जलाशय तीन जिले बालोद, दुर्ग, बेमेतरा का दीवनदायिनी है। भिलाई स्टील प्लांट की धमन भ_ियों को शांत भी करता है।
घरनुमा नाव के संचालन की योजना
तांदुला जलाशय में पर्यटन विभाग ने राजनांदगांव के रानी सागर से नाव भी लाया। पर्यटन विभाग की ओर से लगभग एक करोड़ की लागत से इस जलाशय क्षेत्र को संवारने की योजना है, लेकिन सालभर से यह योजना सिर्फ कागजों में ही है।
होती है फिल्मों की शूटिंग
जिले के ओनाकोना, सियादेवी सहित कई ऐसी जगह है, जहां कई सुपरहिट फिल्मों की शूटिंग हुई। सिया देवी व ओनाकोना में तो अक्सर भोजपुरी व छत्तीसगढ़ी फिल्मों की शूटिंग भी होती रहती है। साथ ही बॉलीवुड फिल्मों की भी शूटिंग जिले में हो चुकी है। न्यूटन फिल्म को ऑस्कर अवार्ड भी मिला, जिसके कुछ सीन जिले में ही शूट किए गए थे। इसके अलावा देव पंडुम, चितवाडोंगरी, बहादुर कलारिन मंदिर के अलावा और भी कई अच्छी जगह है, जिसे पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है।
नौका विहार ठप, सड़ रही लाखों की नाव
शासन-प्रशासन ने तांदुला जलाशय को पिकनिक स्पॉट बनाने कई प्रयास किए। यह प्रयास कुछ दिनों के लिए ही रहा। चार साल पहले ही जिला प्रशासन ने खनिज न्यास निधि से 60 लाख रुपए खर्च कर नौका विहार के लिए नाव भी खरीदी। यह योजना सालभर भी नहीं चल पाई। वर्तमान में नाव टूटी-फूटी स्थिति में पड़ी हुई है।
गौरैया धाम व भोला पठार के लिए घोषणा, सूची में नहीं
जिले के गौरैया धाम को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की। इसी तरह एक साल पहले ही भोला पठार में आए प्रदेश के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी इसे पर्यटन स्थल बनाने का प्रयास करने की बात कही थी। इन दोनों जगह तो प्रशासनिक कार्रवाई चल रही है लेकिन अभी तक पर्यटन स्थलों की सूची से नाम गायब है। इन दोनों स्थानों पर प्राचीन शिव मंदिर भी है।
संभावनाएं अपार
जिले के क्षेत्रीय अन्वेषक अरमान अश्क ने बताया कि जिले में पर्यटन स्थल विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। जिससे लोगों को रोजगार और शासन प्रशासन को समुचित लाभ प्राप्त होगा। ग्राम ओना- कोना महानदी के तट पर स्थित है। प्रकृति ने इसे पर्यटन के लिए स्वयमेव सुसज्जित किया है। यहां अतिरिक्त निर्माण की आवश्यकता नहीं है। बस इसे पर्यटन के रूप में घोषित करें। यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी की गई है। इसी प्रकार डौंडीलोहारा विकासखंड में महापाषाण युगीन चितवा डोंगरी और देव पनडुम स्थल को भी पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है।
बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाएगा तांदुला
अजय श्रीवास्तव, इंचार्ज ऑपरेशन सेक्शन, पर्यटन विभाग ने बताया कि तांदुला जलाशय में वौका विहार, गार्डनिंग कराई जाएगी। एक करोड़ से भी ज्यादा का बजट है। कोरोना के कारण काम रुका है। आने वाले साल में तांदुला बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बनाएगा जिसकी तैयारी पर्यटन विभाग कर रहा है।

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