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बालोद जिले में कुछ साल में कुपोषण दर घटी, अभी भी 8399 बच्चे कुपोषित, 1251 गंभीर

बालोद जिले में इन दिनों वजन त्योहार मनाया जा रहा है। 0 से 6 साल तक के बच्चों का वजन लिया जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग बच्चों पर विशेष ध्यान दे रहा है। यही वजह है कि कुछ साल में जिले में कुपोषण दर घटी है।

बालोदJun 20, 2024 / 11:04 pm

Chandra Kishor Deshmukh

National Nutrition Mission बालोद जिले में इन दिनों वजन त्योहार मनाया जा रहा है। 0 से 6 साल तक के बच्चों का वजन लिया जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग बच्चों पर विशेष ध्यान दे रहा है। यही वजह है कि कुछ साल में जिले में कुपोषण दर घटी है। अभी भी 1251 गंभीर कुपोषित बच्चों सहित 8399 बच्चे कुपोषण के शिकार है। महिला बाल विकास विभाग के आंकड़े के मुताबिक जिले में लगभग 51,882 बच्चे 0-6 साल के हंै। अभी कुपोषण मुक्त जिला बनाने और मेहनत करनी पड़ेगी।

इस तरह रही कुपोषण दर की स्थिति

साल – कुपोषण दर प्रतिशत में
2019-20 – 20.33
2023-24 – 18.95
2024 मई तक – 16.19

दे रहे पूरक पोषण आहार से प्रोटीन

जिले की सभी 8 परियोजना अंतर्गत आंगनबाडिय़ों में पूरक पोषण आहार में नाश्ता और भोजन का मीनू निर्धारित है। इसके अनुसार प्रतिदिन बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के निर्देश हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को दूध, दलिया, रेड़ी टू ईट सहित कई पौष्टिक आहार दिए जा रहे है। कई जगहों पर इसका सही पालन नहीं हो रहा है।

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चल रहा है राष्ट्रीय पोषण मिशन

भारत सरकार कुपोषण को दूर करने जीवनचक्र एप्रोच अपनाकर चरणबद्ध ढंग से पोषण अभियान चला रही है। भारत सरकार बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में समयबद्ध तरीके से सुधार के लिए राष्ट्रीय पोषण मिशन का गठन किया है। राष्ट्रीय पोषण मिशन अंर्तगत कुपोषण को चरणबद्ध तरीके से दूर करने 3 वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

पोषण मिशन के उद्देश्य एवं लक्ष्य

पोषण मिशन चलाकर बच्चों में ठिगनेपन से बचाव एवं इसमें कुल 6 प्रतिशत, प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत की दर से कमी लाना। बच्चों का अल्प पोषण से बचाव एवं इसमें कुल 6 प्रतिशत, प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत की दर से कमी लाना। बच्चों में एनीमिया के प्रसार में कुल 9 प्रतिशत, प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत की दर से कमी लाना। 15 से 49 वर्ष की किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री माताओं में एनीमिया के प्रसार में कुल 9 प्रतिशत, प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत की दर से कमी लाना। कम वजन के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में कुल 6 प्रतिशत, प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत की दर से कमी लाना है।

वजन त्योहार में और होगी स्थिति स्पष्ट

वर्तमान में वजन त्यौहार चल रहा है। बच्चों का वजन लिया जा रहा है। कम वजन एवं कमजोर बच्चों को चिन्हांकित कर कमजोर बच्चों को स्वस्थ बनाने कार्य किया जा रहा है। अब वजन त्योहार की रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही वास्तविकता पता चलेगी।

पालक भी बच्चों के खानपान पर दें ध्यान

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक घर-घर जाकर बच्चों के माता-पिता को बच्चों के खानपान का सही तरीका बता रहे हैं। जिससे बच्चों को लाभ मिलेगा।

कुपोषण दर बीते साल से लगभग 3 प्रतिशत घटकर 16.19 प्रतिशत

महिला एवं बाल विकास अधिकारी बालोद विपिन जैन ने कहा कि जिले में कुपोषण दर बीते साल से लगभग 3 प्रतिशत घटकर 16.19 प्रतिशत हो गई है। उम्मीद है कि आने वाले साल में आंकड़ा और कम हो जाएगा।

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