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बालोद

विवादित व्यवसायिक परिसर की 49 दुकाने पांच जेसीबी से चार घंटे में ढहाई

शुक्रवार की सुबह नगर सोकर भी नहीं उठा था और प्रशासन का तोड़ू अमला विवादित व्यवसायिक परिसर को तोडऩे पहुंच गया। प्रशासन 49 दुकानों को तोडऩे पांच जेसीबी लेकर पहुंचा। संभावित विरोध को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।

बालोदJul 13, 2024 / 12:11 am

Chandra Kishor Deshmukh

Commercial premises शुक्रवार की सुबह नगर सोकर भी नहीं उठा था और प्रशासन का तोड़ू अमला विवादित व्यवसायिक परिसर को तोडऩे पहुंच गया। प्रशासन 49 दुकानों को तोडऩे पांच जेसीबी लेकर पहुंचा। संभावित विरोध को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।

विधायक व पूर्व विधायक ने किया विरोध

नगर में जब तक यह समाचार फैला, तब तक प्रशासन ने परिसर को तोडऩा प्रारंभ कर दिया था। व्यापारियों ने इसकी सूचना विधायक संगीता सिन्हा, पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा, नगर पंचायत अध्यक्ष महिमा साहू को दी। तीनों चंद मिनटों में ही पहुंच गए। उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध किया और इसे व्यापारियों के साथ धोखा बताया। प्रशासन ने कानून व्यवस्था का हवाला दिया।

विधायक ने जोड़ा हाथ मांगा समय, प्रशासन ने किया इनकार

विधायक एसडीएम पूजा बंसल के समक्ष हाथ जोडऩे की मुद्रा में आ गई। वे बार-बार 5 दिन का समय देने की बात करती रहीं। उन्होंने कहा कि व्यापारी अपना सामान निकाल लेंगे, जिससे उन्हें क्षति कम होगी। प्रशासन से समय देने से इनकार कर दिया।

विधायक व व्यापारियों ने आदेश की कॉपी मांगी

विधायक व व्यापारी लगातार आदेश की कॉपी मांग रहे थे। पूर्व में दिए नोटिस की प्रति मांग रहे थे। लेकिन नगर पंचायत की कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण विवाद लंबा चला। एसडीएम नगर पंचायत के सीएमओ से कागजात लाने कहती रहीं, लेकिन स्थल पर सीएमओ के अतिरिक्त कोई अन्य कर्मचारी नहीं था, जिससे कागजात लाने में समय लगा।

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आपत्ति के बाद भी अवैध बताते हुए तोडऩा शुरू कर दिया

नगर पंचायत के कागजात पर व्यापारियों एवं विधायक ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि उन्हें प्राकृतिक न्याय से वंचित किया जा रहा है। प्रशासन को जवाब देने में परेशानी हुई। अंत में प्रशासन ने बलपूर्वक निर्माणाधीन परिसर को अवैध बताते हुए तोडऩा प्रारंभ कर दिया।

पांच जेसीबी से तोड़ी दुकानें

परिसर को तोडऩे के लिए एक साथ पांच जेसीबी को लगा दिया। विधायक व व्यापारी एक जेसीबी के पास पहुंचते तो तोडऩा बंद कर देते। वहीं दूसरे किनारे एवं मध्य में तोडफ़ोड़ आरंभ हो जाती। यह खेल लगभग आधा घंटा चला। ऐसा कर प्रशासन ने परिसर का बहुत हिस्सा तोड़ दिया।

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मौके से नदारद रहे पार्षद

तोडफ़ोड़ 4 घंटे तक चलती रही। नगर पंचायत अध्यक्ष महिमा साहू के अतिरिक्त शेष 14 पार्षद इस दौरान कहीं नजर नहीं आए। अध्यक्ष महिमा साहू प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध कर रही थीं।

बिलख-बिलख कर रोए व्यापारी

बाजार चौक में स्थित यह परिसर 70-80 साल से स्थापित है। कच्चे केवलू एवं टिन टप्पर से बनी दुकानों को मजबूत सुरक्षित बनाने का सपना संजोए व्यापारियों ने पत्नी व बच्चों के जेवरात बेच दिए थे तो किसान ने खेत बेचा। कई ने बैंक से कर्ज लिया था। अपने व बच्चों का भविष्य जमींदोज होता देख व्यापारियों एवं उनके परिजन बिलख-बिलख कर रोने लगे।

व्यापारियों के परिजन और महिलाएं सड़क पर आ गईं

व्यापारियों को बिलखता देख उनके परिजन व घरों की महिलाएं भी सड़क पर आ गई। महिलाओं का समूह पार्षदों के घरों तक पहुंचा। आरोप है कि इन महिलाओं ने एक महिला पार्षद के साथ अभद्र व्यवहार भी किया।

तीन पीढ़ी से कर रहे व्यवसाय, नगर पंचायत को होती स्थाई आय

विधायक ने कहा कि जिस स्थान पर तोडफ़ोड़ की गई, उस स्थान पर व्यापारियों की तीन पीढ़ी व्यवसाय कर रही है। कई दशक पुराना होने के कारण परिसर कमजोर एवं क्षतिग्रस्त हो गया था। व्यवसायियों को जान माल के नुकसान की आशंका थी, उसे देखते हुए जर्जर भवनों का पुनर्निर्माण किया जा रहा था। इससे बाजार चौक और नगर की सुंदरता बढ़ जाती। राष्ट्रीय राजमार्ग 930 जो वर्तमान में संकरा है, वह दोगुना चौड़ा हो जाता। नगर पंचायत को प्रतिमाह दो लाख से अधिक की स्थाई आय होती। सभी के हित एवं भविष्य को देखते हुए यह कार्य किया जा रहा था।

बैंक से डेढ़ लाख का लिया है लोन

व्यापारी राजकुमार सिन्हा (55) ने बताया कि उनके सदस्यों का परिवार इसी दुकान से चल रहा था। दुकान के लिए बैंक से डेढ़ लाख का ऋण लिया है। अपनी आधी पुरखौती जमीन को बेच कर राशि संग्रहित की थी कि पक्की मजबूत दुकान मिलेगी। आज व्यापार पूरी तरह बंद है। मजदूरी कर जीवनयापन करते है।

ढलती उम्र में मजदूरी करना मजबूरी

तेजऊ सिन्हा (65) ने बताया कि यह दुकान 6 सदस्यों वाले इनके परिवार का एकमात्र सहारा है, दुकान के लिए बैंक से दो लाख का ऋण लिया था। दुकान बंद होने से बैंक की किश्त जमा नहीं कर पा रहा हूं। अब इस ढलती उम्र में मजदूरी करना मजबूरी हो गई है।

लोन की किश्त जमा करना भारी पड़ रहा

द्रोणाचार्य सिन्हा ने बताया कि 10 सदस्यों वाले परिवार का यह दुकान सहारा थी। दुकान के लिए 6 लाख कर ऋण लिया था। अब किश्त जमा करना भारी पड़ रहा है। जागेश्वर सिन्हा ने बताया कि उसने भी दुकान के लिए एक लाख का ऋण लिया है। अब कर्ज पटाना मुश्किल हो गया है।

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