संगीता जायसवाल बताती हैं कि हर दिन किसी न किसी को बंदर काट लेते हैं। जो स्वस्थ हैं। मजबूत हैं वो तो निकल जाते हैं। लेकिन बच्चों, बुजुर्गों के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, क्योंकि बंदर परेशानी का सबब बने हुए हैं। कहा कि हमने डीएम व नगरपालिका के यहां गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंतः हनुमान जी के शरण में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया, ताकि बंदरों से निजात मिले।
इस बावत डीएफओ विमल कुमार आनंद ने बताया कि अब बंदर जनता के साथ रहते-रहते आबादी में रहने के आदी हो गए हैं। शासन से आदेश भी है कि बंदरों की जिम्मेदारी नगर पालिका, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत की है। सहयोग के लिए वन विभाग तत्पर है, जो मदद होगी दी जाएगी। अब देखने वाली है कि क्या जिला प्रशासन बंदरों को पकड़ पायेगा या फिर हनुमान चालीसा का कुछ असर होगा ?