scriptविश्व कला दिवस पर विशेष-जिले के मूर्तिकार ने कला का बिखेरा जादू | World Art Day - Sculptor of the district spread the magic of art | Patrika News
बालाघाट

विश्व कला दिवस पर विशेष-जिले के मूर्तिकार ने कला का बिखेरा जादू

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड के अलग-अलग स्थानों में बनाई प्रतिमा

बालाघाटApr 14, 2024 / 10:22 pm

Bhaneshwar sakure

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बालाघाट. कला किसी की मोहताज नहीं होती है। जिनमें कला होती है, वो अपना जादू कहीं भी बिखेर देते हैं। जिले में ऐसे बहुत से कलाकार हैं, जिन्हें लोग नहीं जानते है। बावजूद इसके वे कला के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं कला के क्षेत्र में ही अपना भविष्य संवार भी रहे हैं। जिले के बैहर क्षेत्र के ग्राम शेरपार निवासी सुनील मेरावी ऐसे मूर्तिकार हैं, जिन्होंने कला के क्षेत्र में प्रदेश में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी नाम कमाया है।
मूर्तिकार सुनील मेरावी ने बताया कि उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ छग से मूर्ति कला में डिग्री हासिल की है। पेंटिंग, मूर्तिकला और ग्राफिक्स तैयार करना उनका मूल कार्य है। उन्होंने बताया कि सीमेंट, लकड़ी, पत्थर, मेटल, टेराकोटा, फाइबर, कला के माध्यम से वे मूर्ति तैयार करते हैं। उन्हें उनके इस कार्य के लिए विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक से भी सम्मान किया गया है। उल्लेखनीय है कि कलाकारों के योगदान का सम्मान करने और हमारे जीवन में कला के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर साल 15 अप्रेल को विश्व कला दिवस मनाया जाता है। यह दिन प्रसिद्ध कलाकार लियोनार्डो दा विंची का जन्मदिन है, जिन्हें सर्वकालिक महान कलाकारों में से एक माना जाता है।
मूर्तिकार सुनील मेरावी ने बताया कि उन्होंने अब तक भगवान गणेश, भगवान बुद्ध, यीशु मसीह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, चंद्रशेखर आाजाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, बैगा-बैगिन, बिरसा मुंडा, राजा भोज, ज्योतिबा फुले, रानी दुर्गावती, शंकर शाह रघुनाथ शाह, रानी अवंती बाई, भारत माता सहित अन्य प्रतिमाओं का निर्माण कर चुके हैं।
इन स्थानों पर हुई प्रतिमा की स्थापना
मूर्तिकार सुनील मेरावी के हस्ते निर्मित प्रतिमाओं की स्थापना बालाघाट जिले में ही नहीं बल्कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी की गई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य में भी हस्त निर्मित प्रतिमाएं स्थापित की गई है। सुनील के अनुसार बालाघाट जिले में कलेक्ट्रेट में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा उन्होंने बनाई है। इसके अलावा सरदार पटेल कॉलेज में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, बैहर में बैगा-बैगिन स्थापित की गई है। लांजी के अलग-अलग स्थानों 12 प्रतिमा बनाकर स्थापित किए गए। जिसमें मुख्य रुप से भगवान बुद्ध, डॉ. बाबा साहब आंबेडकर, बिरसा मुंडा, रानी अवंती बाई सहित अन्य प्रतिमाएं शामिल है। इसी तरह परसवाड़ा में 25 स्थानों पर प्रतिमाएं बनाई गई। सागर जिले में नगर पालिका परिषद में डॉ. बाबा साहब आंबेडकर सहित अन्य प्रतिमाएं बनाई गई है। प्रदेश की राजधानी मुख्यालय में डॉ. बाबा साहब आंबेडकर की मेटल की प्रतिमा बनाई है। इसके अलावा जबलपुर में भी प्रतिमा बनाने का कार्य किया गया है।
झारखंड, छत्तीसगढ़ में बिखेरा कला का जादू
मूर्तिकार सुनील ने मध्यप्रदेश के अलावा झारखंड, छत्तीसगढ़ राज्य में भी अपने कला का जादू बिखेरा है। झारखंड में जहां बिरसा मुंंडा की प्रतिमा बनाई है। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में रायपुर, जगदलपुर, डोंगरगढ़, खैरागढ़ सहित अन्य स्थानों पर भी प्रतिमा बनाने का कार्य किया है।
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