बालाघाट

जिला अस्पताल की तीसरी आंख बीमार

जमींन की खाक छान रहे 85 लाख के सीसीटीवी कैमरेमेंटेनेंस के अभाव में कुछ बंद, तो कुछ कैमरे छान रहे जमीन की खाकसुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

बालाघाटFeb 11, 2024 / 07:39 pm

mukesh yadav

जिला अस्पताल की तीसरी आंख बीमार

बालाघाट. जिले के सबसे बड़े 500 बेड वाले जिला अस्पताल में रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना रहता है। बावजूद इसके यहां की सुरक्षा व्यवस्था में लगाए गए ज्यादातर सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं। शायद यही वजह है कि शातिर चोर इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं। यहां आए दिनों चोरी की वारदात हो रही है। पत्रिका की टीम ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया, तो जिला अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में लगे ज्यादातर सीसीटीवी कैमरे बंद पाए गए। वही मेंटेनेंस के अभाव में कई सीसीटीवी कैमरे जमीन की ओर झुके हुए जमीन की खाक छानते दिखाई दिए। कुल मिलाकर कहा जाए तो अस्पताल की सुरक्षा के लिए लाखो रुपए खर्च कर लगाई गई तीसरी आंख, देखरेख के अभाव के चलते बंद पड़ी हुई है।
85 लाख में लगाए थे 62 कैमरे
जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था के लिए वर्ष 2016 में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। आवश्यकता के अनुसार कैमरो की संख्या बढ़ाई गई। जिसमें अनुमानित 85 लाख रुपए का खर्च आया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार 500 बेड वाले जिला अस्पताल, ट्रामा सेंटर को मिलाकर करीब 62 कैमरो की मदद से जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। लेकिन लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी इसका प्रबंधन ठीक से नहीं हो पा रहा है। अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
घटनाओं से नहीं लिया सबक
बताया जा रहा है कि सीसीटीवी कैमरे आए दिन बंद होने से शातिर चोर इसका पूरा फायदा उठाते हैं। कैमरे बंद होने से साइकिल चोरी, मरीज और उनके परिजनों के मोबाइल, पैसे व अन्य सामग्रियों की चोरी होना अब आम बात हो गई है। इसके पूर्व यहां अपने बेटे का उपचार कराने आए पान ठेला संचालक जमील कुरैशी के एक लाख रुपए चोरी हो गए थे। जिसका आज तक पता नहीं चल पाया है। यदि जिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे इसी तरह बंद रहे या उनका ठीक से मेंटनेंस नहीं किया गया, तो ऐसी घटनाओं में इजाफा होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
प्रबंधन ने रोका भुगतान
बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल और ट्रामा सेंटर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरो का मेंटेनेंस एजेंसी से सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने चार से पांच माह का भुगतान रोक दिया है। वही ठेकेदार एजेंसी 1800 रुपए प्रति माह मेंटेनेंस चार्ज मिलने से बिल नहीं लगाए जाने की बात कही जा रही है।
वायरिंग की ढीली व्यवस्था
बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल और ट्रामा सेंटर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे की मॉनीटरिंग के लिए अलग-अलग कक्ष में व्यवस्था की गई है। जहां वायरिंग की ढीली व्यवस्था होने से आए दिन कैमरे बंद हो जाते हैं। जानकारी के अनुसार कैजुअल्टी के बाजू में चिकित्सक कक्ष में सीसीटीवी कैमरे की मॉनीटरिंग की व्यवस्था बनाई गई है, लेकिन वहां मॉनीटर और सर्वर में की गई वायरिंग आए दिन हिल जाती है या जरा सा धक्का लगने पर सिस्टम काम करना बंद कर देता है। इस कारण मॉनीटरिंग करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
भगवान भरोसे सुरक्षा व्यवस्था
जिला अस्पताल में 500 बिस्तरो की सुविधा है। यहां हर रोज बड़ी संख्या में मरीज व उनके परिजन रात में ठहरते है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। ऐसे में कोई मामला या हादसा होने पर जांच करना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
वर्सन
आवश्यकता के अनुसार जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में सभी जगह कैमरे लगे हैं। उनके मेंटेनेंस के लिए एक प्राइवेट एजेंसी को प्रतिमाह मेंटेनेंस चार्ज भी दिया जाता है। लेकिन हमने अभी एजेंसी का भुगतान रोक दिया है। क्योंकि एक दो घटनाएं अस्पताल में हुई है, जिसमें कैमरे बंद मिले थे। जब तक कैमरे शुरू नहीं होते तब तक उनका भुगतान रुका रहेगा।
डॉ संजय धबडग़ांव, सिविल सर्जन

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