बालाघाट. नगर पालिका कार्यालय के प्रांगण में रखे सिलेंडर में आग लग जाती है। दमकल अमला आग को बुझाने के लिए दौड़ पड़ता है। इतना ही नहीं अपनी तकनीक से आग को काबू में करता है। जिससे एक बड़ी अनहोनी होने से टल जाती है। दरअसल, शुक्रवार को नगर पालिका परिषद बालाघाट में मॉक ड्रिल की गई। इसमें आग पर काबू पाने के तरीके बताए गए। ताकि आगजनी से होने वाले नुकसान को रोका जा सके।
फायर मेन गौतम ब्रम्हे ने बताया कि पांच प्रकार की आगजनी पर काबू करने के लिए शासन से आदेश मिले है। जमीनी स्तर पर इस तरह की घटनाओं को रोकने शुक्रवार को मॉक ड्रिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर शार्टसर्किट या अन्य किसी प्रकार की आग लगने पर फायर यंत्र के साथ ही पानी से आग पर काबू पाया जा सकता है। लेकिन डीजल, पेट्रोल की आग सामान्य पानी से नहीं बुझ पाती है। इसके लिए पानी के साथ ही खास तरीके के केमिकल की आवश्यकता होती है। उसे पानी के साथ मिलाकर आग पर काबू पाया जा सकता है। कठिन स्थिति गैस सिलेंडर की आग में होती है। गैस सिलेंडर की आग हवा के साथ लगातार बढ़ती है और तापमान अधिक गर्म होने पर सिलेंडर भस्ट भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में आग के सामने जाने के बजाय पीछे से शांत दिमाग से किसी गीला कपड़े को पहले लेफ्ट फिर राइट तरफ लपेट कर आग को बुझाया जा सकता है। दमकल वाहन, अमला के पहुंचने तक आग को फैलने से रोका जा सकता है।
अस्पताल, मॉल, काम्पलेक्स में फायर सेफ्टी की होगी जांच
उपयंत्री दीपक बिसेन ने बताया कि अस्पताल, मॉल, काम्पलेक्स सहित ऐसे स्थान जहां बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है की जांच की जाएगी। शासन से इसके आदेश प्राप्त हुए है। वहां मौजूद आग को बुझाने की सामग्री की जांच किए जाने के साथ ही मॉक ड्रिल कर उन्हें जानकारी दी जाएगी।
फायर मेन गौतम ब्रम्हे ने बताया कि पांच प्रकार की आगजनी पर काबू करने के लिए शासन से आदेश मिले है। जमीनी स्तर पर इस तरह की घटनाओं को रोकने शुक्रवार को मॉक ड्रिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर शार्टसर्किट या अन्य किसी प्रकार की आग लगने पर फायर यंत्र के साथ ही पानी से आग पर काबू पाया जा सकता है। लेकिन डीजल, पेट्रोल की आग सामान्य पानी से नहीं बुझ पाती है। इसके लिए पानी के साथ ही खास तरीके के केमिकल की आवश्यकता होती है। उसे पानी के साथ मिलाकर आग पर काबू पाया जा सकता है। कठिन स्थिति गैस सिलेंडर की आग में होती है। गैस सिलेंडर की आग हवा के साथ लगातार बढ़ती है और तापमान अधिक गर्म होने पर सिलेंडर भस्ट भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में आग के सामने जाने के बजाय पीछे से शांत दिमाग से किसी गीला कपड़े को पहले लेफ्ट फिर राइट तरफ लपेट कर आग को बुझाया जा सकता है। दमकल वाहन, अमला के पहुंचने तक आग को फैलने से रोका जा सकता है।
अस्पताल, मॉल, काम्पलेक्स में फायर सेफ्टी की होगी जांच
उपयंत्री दीपक बिसेन ने बताया कि अस्पताल, मॉल, काम्पलेक्स सहित ऐसे स्थान जहां बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है की जांच की जाएगी। शासन से इसके आदेश प्राप्त हुए है। वहां मौजूद आग को बुझाने की सामग्री की जांच किए जाने के साथ ही मॉक ड्रिल कर उन्हें जानकारी दी जाएगी।