दोनों पक्षों के बीच हुई कहासुनी
बडग़ांव म में नाली निर्माण के लिए गड्ढा खोदा गया है और 100 मीटर नाली निर्माण के बाद लगभग इतना ही स्थान खुला रह जाएगा। भरन की जवाबदारी भी ग्राम पंचायत ने नहीं ली। ऐसे में ग्रामीण अपने घरों में ही कैद हो जाएंगे। इस संबंध में ग्रामीणों ने सरपंच प्रतिनिधी से कहा की जब नाली का निर्माण 100 मीटर ही करना था तो ज्यादा नाली क्यों खो दी गई है, तो उनके द्वारा ग्रामीणों को हडक़ाते हुए कहा गया की जब तुम लोगों को राजनीति ही करना है तो मुझसे कोई सवाल मत करो। अगर सब चुपचाप रहते तो इतनी ही राशि में पूरे ग्राम में नाली का निर्माण हो जाता। जिस पर ग्रामीणों ने भी आपत्ति लेते हुए सरपंच प्रतिनिधी को खूब खरी खोटी सुनाई और गुणवत्ता पूर्ण निर्माण कराने के लिए कहा। साथ ही ज्यादा खोदे गए स्थान को वापस मिट़्टी से भरने के लिए कहा।
बडग़ांव म में नाली निर्माण के लिए गड्ढा खोदा गया है और 100 मीटर नाली निर्माण के बाद लगभग इतना ही स्थान खुला रह जाएगा। भरन की जवाबदारी भी ग्राम पंचायत ने नहीं ली। ऐसे में ग्रामीण अपने घरों में ही कैद हो जाएंगे। इस संबंध में ग्रामीणों ने सरपंच प्रतिनिधी से कहा की जब नाली का निर्माण 100 मीटर ही करना था तो ज्यादा नाली क्यों खो दी गई है, तो उनके द्वारा ग्रामीणों को हडक़ाते हुए कहा गया की जब तुम लोगों को राजनीति ही करना है तो मुझसे कोई सवाल मत करो। अगर सब चुपचाप रहते तो इतनी ही राशि में पूरे ग्राम में नाली का निर्माण हो जाता। जिस पर ग्रामीणों ने भी आपत्ति लेते हुए सरपंच प्रतिनिधी को खूब खरी खोटी सुनाई और गुणवत्ता पूर्ण निर्माण कराने के लिए कहा। साथ ही ज्यादा खोदे गए स्थान को वापस मिट़्टी से भरने के लिए कहा।
इंजीनियर ने नहीं किया निरीक्षण
ग्रामीणों के अनुसार जब से नाली का निर्माण शुरू हुआ है, तब से इंजीनियर ने एक बार भी यहां अपने कदम नहीं रखे हैं। नाली निर्माण की गुणवत्ता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। मौका स्थल पर निर्माण कार्य के लिए जो रेत उपयोग में लाई जा रही है, वह भी मिट्टी से सनी हुई थी। ग्रामीणों ने बताया की नाली में जो सलाखें इस्तेमाल में लाई गई है, वह भी 8 एमएम की है। जबकि 10 एमएम का लोहा नाली में लगना चाहिए था।
ग्रामीणों के अनुसार जब से नाली का निर्माण शुरू हुआ है, तब से इंजीनियर ने एक बार भी यहां अपने कदम नहीं रखे हैं। नाली निर्माण की गुणवत्ता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। मौका स्थल पर निर्माण कार्य के लिए जो रेत उपयोग में लाई जा रही है, वह भी मिट्टी से सनी हुई थी। ग्रामीणों ने बताया की नाली में जो सलाखें इस्तेमाल में लाई गई है, वह भी 8 एमएम की है। जबकि 10 एमएम का लोहा नाली में लगना चाहिए था।
इनका कहना है।
आपके द्वारा मामले को संज्ञान में लाया गया है। नाली निर्माण की गुणवत्ता जांच के लिए असिस्टेंट इंजीनियर आरईएस को अवगत कराया गया है। मौका स्थल पर जाने के निर्देश दिए गए हंै।
कमलचंद्र सिंहसार, एसडीएम लांजी
आपके द्वारा मामले को संज्ञान में लाया गया है। नाली निर्माण की गुणवत्ता जांच के लिए असिस्टेंट इंजीनियर आरईएस को अवगत कराया गया है। मौका स्थल पर जाने के निर्देश दिए गए हंै।
कमलचंद्र सिंहसार, एसडीएम लांजी