बता दें कि 1999 में कारगिल युद्ध में हुजूरपुर निवासी जवान बलिकरन सिंह पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब देते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। युद्ध की विभीषिका को गुजरे कई वर्ष बीत जाने के बावजूद भी जब कभी जनपद में कारगिल युद्ध का जिक्र होता है, तो बलिकरन का नाम जरूर लिया जाता है। इस मौके पर उनकी पत्नी और भाई को सम्मानित किया गया।
हम आज भी उन्हीं की यादों के सहारे जी रहे हैं: शहीद बलिकरन सिंह की पत्नी फूलमती
शहीद बलिकरन सिंह की पत्नी फूलमती ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “वो मां भारती के लिए शहीद हुए। हमें उन पर गर्व है। आज भी हम उन्हीं की यादों के सहारे जी रहे हैं।” रिटायर्ड हवलदार देवेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा, “आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ है, जो हम लोग बहुत ही हर्षोल्लास से मना रहे हैं। आज ही के दिन हमें कारगिल युद्ध में विजय मिली थी। इसी जीत में हमारे सशक्त सेनाओं का अमूल्य योगदान था। जिस तरह से हमारे राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर युद्ध में विजयी दिलाने की दिशा में प्रयास किया गया, ठीक वैसा ही अमूल्य प्रयास हमारे जवानों की ओर से भी किया गया।”
विमल कुमार सिंह ने कहा, ”मैं यही कहना चाहता हूं कि कारगिल में हमारे जो जवान शहीद हुए थे, भगवान उनके परिवार को हमेशा खुश रखे, हमारी ईश्वर से यही प्रार्थना है।”
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