अध्यक्ष एसके सत्येन ने कहा कि लगभग 60 लाख की आबादी वाला यह जनपद आजादी के बाद से ही रेल सुविधाओं में काफी पिछड़ा हुआ है। यहां के लोगो को रेलवे सुविधाओं के लिए महानगरों का रूख करना पड़ता है। वर्तमान में मऊ से लखनऊ इंटरसिटी चलाने की जो घोषणा रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा द्वारा की गयी उससे लोगों को आशा थी कि यह आजमगढ़ से होकर जाएगी लेकिन रेल राज्यमंत्री द्वारा इंटरसिटी ट्रेन को औड़ियार के रास्ते लखनऊ भेजा जा रहा है जो गलत है।
उन्होंने कहा कि औड़ियार से ज्यादा यात्री आजमगढ़ में है। मंडल मुख्यालय होने के बाद भी रेल राज्य मंत्री द्वारा जनपद के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। वह रेल मत्रालय की सभी योजनाओं को केवल अपने जनपद में ही ले जाकर समेट दे रहें है। अगर आमदनी के रूप में देखा जाय तो जनपदवासी से सबसे ज्यादा आमदनी रेलवे, परिवहन निगम या बैंक को होती है इसके बावजूद भी आजमगढ़वासियों की कद्र नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
हरिकेश यादव ने कहा कि रेल राज्यमंत्री ने अपने फैसले से मऊ, आजमगढ़ से शाहगंज रेल लाइन पर लगभग 1 करोड़ लोगों की हितों को नजरअंदाज करने का काम किया है। यहां के लोगों द्वारा आजमगढ़ से लखनऊ के लिए पहले से ही इंटरसिटी की मांग की जा रही है ताकि प्रदेश की राजधानी लखनऊ से आमजन आसानी से जुड़ सकें और व्यापारियों को सुविधा मिल सकें लेकिन रेल राज्यमंत्री ने पक्षपातपूर्ण रवैये का परिचय देते हुए जनपदवासियों की नजरों में केंद्र सरकार की स्थिति को धूमिल करने का काम किया है। आविसंस के पदाधिकारियों ने कहा कि औड़िहार से होकर चलने वाली इंटरसिटी को अगर जनपद से होकर नही चलाया गया तो हम आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
ज्ञापन देने वालों में हरिकेश यादव, जितेन्द्र यादव, मुकेश यादव, रूद्र प्रताप अस्थाना, शाह आलम, रामसिंगार निषाद, कमलेश कुमार, संतोष यादव, विजय चौरसिया, भोला, शिव नरायन सिंह, जेपी सिंह आदि शामिल थे।
By- रणविजय सिंह