यह युवक 17 दिनों से लगातार साइकिल से यात्रा कर रहा है। 15 जनवरी को वह अयोध्या पहुंचेगा और राम लला के दरबार में मत्था टेकेगा। नौकरी छोड़कर राम लला का दर्शन करने निकला
यह युवक प्रयागराज का रहने वाला है। इसका नाम बलराम वर्मा है, जो पुणे में एक कैंटीन में नौकरी कर रहा था। वह 1 साल से रामलला के मंदिर में विराजमान होने की खबरें सुन रहा था, जब तारीख नजदीक आ गई तो उसने अयोध्या जाने का मन बना लिया। कैंटीन का काम छोड़कर वह साइकिल से ही यात्रा पर निकल पड़ा। सबसे पहले वह शिर्डी पहुंचा, जहां साईं बाबा का आशीर्वाद लिया और यहां से उसने यात्रा शुरू की।
यह युवक प्रयागराज का रहने वाला है। इसका नाम बलराम वर्मा है, जो पुणे में एक कैंटीन में नौकरी कर रहा था। वह 1 साल से रामलला के मंदिर में विराजमान होने की खबरें सुन रहा था, जब तारीख नजदीक आ गई तो उसने अयोध्या जाने का मन बना लिया। कैंटीन का काम छोड़कर वह साइकिल से ही यात्रा पर निकल पड़ा। सबसे पहले वह शिर्डी पहुंचा, जहां साईं बाबा का आशीर्वाद लिया और यहां से उसने यात्रा शुरू की।
बागेश्वर धाम में मत्था टेकने जाएगा यह शक्स
इसके बाद वह शनि शिंगणापुर से होते हुए मध्य प्रदेश में प्रवेश कर किया। सबसे पहले खंडवा में स्थित नर्मदा नदी किनारे ओंकारेश्वर पहुंचा, जहां पूजन अर्चन के बाद यात्रा को आगे बढ़ाया। फिर उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए। वहां से सागर होते हुए बागेश्वर धाम के दर्शनों को जा रहा है। बागेश्वर धाम में मत्था टेकने के बाद वह चित्रकूट होते हुए अयोध्या में पहुंचेगा।
इसके बाद वह शनि शिंगणापुर से होते हुए मध्य प्रदेश में प्रवेश कर किया। सबसे पहले खंडवा में स्थित नर्मदा नदी किनारे ओंकारेश्वर पहुंचा, जहां पूजन अर्चन के बाद यात्रा को आगे बढ़ाया। फिर उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए। वहां से सागर होते हुए बागेश्वर धाम के दर्शनों को जा रहा है। बागेश्वर धाम में मत्था टेकने के बाद वह चित्रकूट होते हुए अयोध्या में पहुंचेगा।
बलराम वर्मा ने बताया कि वह करीब 2000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा करेगा। एक दिन में 50 किलोमीटर तक की यात्रा करता है। शाम होने पर मंदिर या कोई धर्मशाला में रुककर आराम करता है।