देश के सभी राज्यों के बच्चे यहां पढ़ते हैंविद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज ओझा भी थोड़ी दूर पर बैठे हैं। वह बताते हैं कि गुरुकुल में देश के सभी राज्यों के करीब 120 बच्चे वेद, आधुनिक विज्ञान, ज्योतिष से लेकर कम्प्यूटर तक की पढ़ाई करते हैं। बातचीत के दौरान वह बताते हैं कि आम धारणा है कि आर्थिक रुप से निर्बल वर्ग के बच्चे ही गुरुकुल में पढ़ते हैं लेकिन हमारे यहां आपको ज्यादातर बच्चे ऐसे मिलेंगे जिनके पिता डाक्टर या मजिस्टे्रट हैं। उन्होंने कुछ बच्चों की तरफ संकेत भी किया।
गुरुकुल में सिर्फ प्रथमा, मध्यमा तक पढ़ाई होती
राजस्थान और हरियाणा के इन वेदपाठी बच्चों से जब मैने पूछा आपके पापा क्या करते हैं तो वह शर्माते हैं। कहते हैं पापा डाक्टर है, मेडिकल कॉलेज में। आगे कोई बात पूछने पर कहते हैं गुरुजी से बात कर लिजिए। आचार्य रोहित शुक्ला कहते हैं कि हमारे गुरुकुल में तो सिर्फ प्रथमा, मध्यमा तक पढ़ाई होती है। आगे की पढ़ाई के लिए हम दूसरे राज्यों में भी बच्चों को भेजते हैं। कुछ बच्चे सिद्धांत लघु कौमिदी की पढ़ाई करने कर्नाटक भी गए हैं। इनको सभी विषय पढ़ाया जाता है, कम्प्यूटर और साफ्टवेयर वगैरह तो बच्चों के लिए सामान्य बात है।
राजस्थान और हरियाणा के इन वेदपाठी बच्चों से जब मैने पूछा आपके पापा क्या करते हैं तो वह शर्माते हैं। कहते हैं पापा डाक्टर है, मेडिकल कॉलेज में। आगे कोई बात पूछने पर कहते हैं गुरुजी से बात कर लिजिए। आचार्य रोहित शुक्ला कहते हैं कि हमारे गुरुकुल में तो सिर्फ प्रथमा, मध्यमा तक पढ़ाई होती है। आगे की पढ़ाई के लिए हम दूसरे राज्यों में भी बच्चों को भेजते हैं। कुछ बच्चे सिद्धांत लघु कौमिदी की पढ़ाई करने कर्नाटक भी गए हैं। इनको सभी विषय पढ़ाया जाता है, कम्प्यूटर और साफ्टवेयर वगैरह तो बच्चों के लिए सामान्य बात है।