शासन स्तर पर पूरे प्रदेश के लिए एक साथ क्रय की बसें क्रय की जाएंगी बसें
अयोध्या में नगर निगम की ओर से संचालित की जाने वाली इस योजना को लेकर एडीए के वीसी व नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि शासन स्तर से 25 इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि यह बसें सितम्बर माह में अयोध्या नगर निगम को मिलने की उम्मीद है। इन बसों के वर्कशाप एवं चार्जिंग स्टेशन के निर्माण का जिम्मा उत्तर प्रदेश जल निगम की सीएण्डडीएस यूनिट – 44 को दिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्कशाप / डिपो के निर्माण के अलावा चार्जिंग स्टेशन के निर्माण के लिए चयनित एजेंसी को साढ़े 12करोड़ की राशि आवंटित कर दी गयी है।
अयोध्या में नगर निगम की ओर से संचालित की जाने वाली इस योजना को लेकर एडीए के वीसी व नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि शासन स्तर से 25 इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि यह बसें सितम्बर माह में अयोध्या नगर निगम को मिलने की उम्मीद है। इन बसों के वर्कशाप एवं चार्जिंग स्टेशन के निर्माण का जिम्मा उत्तर प्रदेश जल निगम की सीएण्डडीएस यूनिट – 44 को दिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्कशाप / डिपो के निर्माण के अलावा चार्जिंग स्टेशन के निर्माण के लिए चयनित एजेंसी को साढ़े 12करोड़ की राशि आवंटित कर दी गयी है।
पहले भी अयोध्या नगर में हो चुका है ई-बस सेवा का ट्रायल
अयोध्या में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए चैत्र रामनवमी मेला के दौरान ट्रायल किया गया था। इसके लिए लखनऊ डिपो से बसें यहां भेजी गयी थी। इसके साथ व्यवस्था की देखरेख के लिए लखनऊ से ही एआरएम समेत आधा दर्जन कर्मचारियों को भी अस्थाई रूप से तैनात किया गया था। इन बसों की चार्जिंग के लिए हाइवे पर स्थित अन्तराज्जीय बस अड्डे के परिसर में ही चार्जिंग स्टेशन बनाया गया था। यद्यपि राम पथ के निर्माणाधीन होने के कारण इनका संचालन शहर के बाहर ही किया गया। शासन की ओर से संचालित इलेक्ट्रिक बसों को फिलहाल नि: शुल्क ही नौ दिनों तक चलाया गया था।बस संचालन की सफलता के बाद यह निर्णय लिया गया था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण व निर्माणाधीन पथों का निर्माण पूरा होने के साथ ही अयोध्या नगर में बाहर से आने वाले राम भक्तों को अयोध्या दर्शन करने के लिए ई-बस सेवा उपलब्ध हो कराई जाय।
अयोध्या में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए चैत्र रामनवमी मेला के दौरान ट्रायल किया गया था। इसके लिए लखनऊ डिपो से बसें यहां भेजी गयी थी। इसके साथ व्यवस्था की देखरेख के लिए लखनऊ से ही एआरएम समेत आधा दर्जन कर्मचारियों को भी अस्थाई रूप से तैनात किया गया था। इन बसों की चार्जिंग के लिए हाइवे पर स्थित अन्तराज्जीय बस अड्डे के परिसर में ही चार्जिंग स्टेशन बनाया गया था। यद्यपि राम पथ के निर्माणाधीन होने के कारण इनका संचालन शहर के बाहर ही किया गया। शासन की ओर से संचालित इलेक्ट्रिक बसों को फिलहाल नि: शुल्क ही नौ दिनों तक चलाया गया था।बस संचालन की सफलता के बाद यह निर्णय लिया गया था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण व निर्माणाधीन पथों का निर्माण पूरा होने के साथ ही अयोध्या नगर में बाहर से आने वाले राम भक्तों को अयोध्या दर्शन करने के लिए ई-बस सेवा उपलब्ध हो कराई जाय।