मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर के एक पुजारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रामलला के श्रृंगार से पहले रोजाना उन्हें स्नान कराया जाता है। सरयू जल के अलावा उन्हें मधुपर्क से भी स्नान कराया जाता है। मधु पर्क में दूध, दही, घी, शहद मिला होता है। इससे स्नान कराने के बाद उन्हें फिर से सरयू जल से नहलाया जाता है।
राम मंदिर में पानी निकासी की नहीं कोई व्यवस्था
स्नान के बाद जो पानी फर्श पर गिरता है उसे कहां ले जाएं, क्योंकि पानी निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं है। स्नान के लिए एक बड़ी थाल नीचे रखते हैं ताकि पानी उसी में गिरे, बाद में इसे पौधों में अर्पित कर दिया जाता है। जो थोड़ा बहुत पानी बचता है, उसे सुखा लिया जाता है। यह भी पढ़ें