बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतें, पॉल्यूशन की समस्या और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों (EVs, CNG, FFV, HV) की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, ये जानना जरूरी है कि इनमें से कौन सा विकल्प सबसे अच्छा है? इस खबर में हम आपको बताएंगे कि कौन से फ्यूल ऑप्शन वाली गाड़ी को चुनना आपके लिए बेहतर रहेगा।
यह भी पढ़ें– KIA की इस कार को खरीदने के लिए लगी लाइन; 6 महीने से ज्यादा पहुंचा वोटिंग पीरियड, कीमत 63.90 लाख रुपये मौजूदा समय में लोग गाड़ी खरीदते समय कीमत पर ज्यादा ध्यान देते हैं। लेकिन इसके साथ-साथ मेंटेनेंस, ईंधन की कीमत, ईंधन की उपलब्धता, रिपेयरिंग जैसे कई फैक्टर भी गाड़ी खरीदने पर असर डालते हैं। इसलिए नई कार खरीदने से पहले सारा गणित लगाकर सही ऑप्शन का चयन करने में ही समझदारी है।
अगर हम कीमत की बात करें तो, पेट्रोल कारें सस्ती होती हैं, CNG कारें पेट्रोल कारों से थोड़ा महंगी होती हैं, डीजल कारें इनसे थोड़ा और महंगी होती हैं। इलेक्ट्रिक कारों (EVs) की कीमत इन दोनों ऑप्शन से काफी ज्यादा होती है। हालांकि, पेट्रोल-डीजल कारों का मेंटेनेंस ज्यादा होता है। CNG कारों का मेंटेनेंस पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की तुलना में कम है, इलेक्ट्रिक गाड़ियों का मेंटेनेंस सबसे कम है।
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एक उदाहरण से समझते हैं कि पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक कार के बीच कीमतों का कितना अंतर है। भारत में टाटा मोटर्स की नेक्सन चारों फ्यूल ऑप्शन में उपलब्ध है, इसी की कीमतों को देख लेते हैं। टाटा नेक्सन पेट्रोल की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 8 लाख रुपये है, वहीं इसके CNG वेरिएंट की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 9 लाख रुपये है। टाटा नेक्सन डीजल की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 10 लाख रुपये है, वहीं टाटा नेक्सन इलेक्ट्रिक के प्राइस को देखें तो 12.49 लाख रुपये एक्स-शोरूम से स्टार्ट है। प्राइस पॉइंट को देखने के बाद कोई भी पेट्रोल वेरिएंट को ही लेना चाहेगा, लेकिन हमने ऊपर मेंटेनेंस का जिक्र किया है जिसे देखना भी जरूरी है।
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देश में पेट्रोल की कीमत लगभग 107 रुपये लीटर है, डीजल करीब 96 रुपये लीटर है। CNG की कीमत लगभग 93 रुपये किलोग्राम है। पेट्रोल कारों का एवरेज माइलेज 17 से 21 किमी प्रति लीटर का है। डीजल कारें 20 से 25 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती हैं। CNG कारें 25 से 30 किमी का माइलेज देती हैं। इस हिसाब से पेट्रोल कारों में 6 से 7 रुपये प्रति किमी खर्च आता है। डीजल कार में लगभग 4 रुपये प्रति किमी खर्च आता है। CNG कार में लभगभ 3 रुपये प्रति किमी खर्च आता है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बात करें तो 50 पैसे से लेकर 1.5 रुपये प्रति किमी खर्च आता है।
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इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले पेट्रोल, डीजल गाड़ियों का मेंटेनेंस ज्यादा होता है। हालांकि CNG कारों का मेंटेनेंस इन दोनों की तुलना में कम है। इलेक्ट्रिक कारों का मेंटेनेंस बहुत कम होता है। पर्यावरण के लिहाज से इलेक्ट्रिक कारण बेहतर हैं। इसके साथ एक दिक्कत ये है कि अगर बैटरी में खराबी आती है तो लाखों का खर्च आ सकता है। हालांकि कार ब्रांड इलेक्ट्रिक गाड़ियों की पर वारंटी देते हैं, इसे एक्सटेंड कराने का भी विकल्प मिलता है जिसके लिए कुछ अतिरिक्त पैसे देने पड़ते हैं।
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फ्यूल अवेलिबिलिटी की बात करें तो कार खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप जिस लोकेशन पर हैं वहां पर फ्यूल के कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं। सामान्य तौर पर पेट्रोल-डीजल के लिए आसानी से फ्यूल पंप मिल जाते हैं लेकिन इसके आलावा CNG भी ज्यादातर शहरों में उपलब्ध है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए चार्जिंग पॉइंट अभी कम हैं, आपको टियर वन शहरों दिक्कत नहीं होगी। फिलहाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों को घर पर भी चार्ज किया जा सकता है, चार्जिंग में 4-5 घंटे लगते हैं।
फास्ट चर्जिंग स्टेशंस की कमी के चलते इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ ये दिक्कत है कि आपको तुरंत कहीं निकलना है बैटरी चार्ज नहीं हुई तो परेशानी बन सकती है। पेट्रोल-डीजल कारों में ऐसा नहीं है आप फ्यूल पंप से फ्यूल डलवाकर तुरंत निकल सकते हैं।
ऐसे में अगर आप भी कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं या निकट भविष्य में लेना चाहते हैं तो अपने बजट, मेंटेनेंस, फ्यूल अवेलिबिलिटी और भविष्य के बदलावों को देखते हुए पेट्रोल, डीजल, CNG या इलेक्ट्रिक गाड़ी का चुनाव करें।