मेथेनॉल से चलती है ये इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार, एक बार में तय करेगी 820 किमी की दूरी
देश में 53.7% वाहनों के एमिशन नॉर्म्स के बारे में सरकार अनजान है। जिन वाहनों के एमिशन नॉर्म्स की जानकारी सरकार को नहीं है अगर वो वाहन BS4 या फिर उससे पुराने हुए तो बढ़े हुए प्रदूषण स्तर को कम करने में कुछ ख़ास मदद नहीं मिल पाएगी। मौजूदा समय में 46.3% वाहनों के एमिशन नॉर्म्स के बारे में सरकार को पूरी जानकारी है। इन वाहनों में बीएस-1 नॉर्म्स के 1.7% वाहन, बीएस-2 नॉर्म्स के 8.5% वाहन, बीएस-3 नॉर्म्स के 12.3% वाहन, बीएस-4 नॉर्म्स के 23.7% वाहन, बीएस-5 और बीएस- 6 नॉर्म्स के महज 0.1% वाहन शामिल हैं। बचे हुए तक़रीबन 53.7% वाहनों के एमिशन नॉर्म्स के बारे में सरकार पूरी तरह से अनजान है। इसके बावजूद भी सरकार का दावा है कि BS6 नॉर्म्स लागू होने के बाद प्रदूषण के स्तर में 5 फीसदी की कमी आएगी।
सबसे पहले साल 2000 BS नॉर्म्स को लागू किया गया था। बीएस ( भारत स्टेज ) को यूरोपियन कार्बन उत्सर्जन मानक यूरो की तर्ज पर भारत में लागू किया गया था। मौजूदा समय में भारत में बीएस4 नॉर्म्स लागू हैं और 31 मार्च को इस नॉर्म की डेडलाइन है।
रैप ही नहीं रफ़्तार के भी दीवाने हैं हनी सिंह, गैराज में खड़ी है स्पोर्ट्स कार से लेकर करोड़ों की SUV
वाहनों से निकलने वाले धुंए में सल्फर एक बेहद ही खतरनाक तत्व है और BS4 पेट्रोल वाहनों में इसका स्तर 50 mg/kg होता था लेकिन BS6 वाहनों में ये 10 mg/kg होगा, वहीं डीजल BS4 वाहनों की बात करें तो सल्फर का स्तर 50 mg/kg होता है तो वहीं BS6 वाहनों में ये 10 mg/kg होगा। यह एक बड़ा अंतर है जो नये नॉर्म्स के वाहनों में देखने को मिलेगा।