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इस प्रोजेक्ट की ख़ास बात ये है कि कार निर्माता कंपनी ने नासा के अनुभवी एयरोनॉटिक्स इंजिनियर डॉक्टर जयोन शिन को इस प्रोजेक्ट की कमान सौंपी है। इस प्रोजेक्ट की दिशा अब डॉक्टर जयोन शिन तय करेंगे और उनकी ही देख-रेख में इन फ्यूचरिस्टिक वाहनों को तैयार किया जाएगा। आपको बता दें कि डॉक्टर शिन हाल ही में नासा के एरोनॉटिक्स रिसर्च मिशन डायरेक्टरेट के प्रमुख रह चुके हैं।
शिन नासा में सुपरसोनिक एक्स-प्लेन, यूएएस ट्रैफिक मैनेजमेंट और अर्बन एयर मोबिलटी जैसे बड़े प्रॉजेक्ट पर काम कर चुके हैं ऐसे में हुंडई के पास उड़ने वाले वाहन बनाने के लिए उनसे बेहतर विकल्प कोई और नहीं था।
आपको बता दें कि ज्यादातर विकसित और विकासशील देशों में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है जिससे राहत मिलने की कोई भी गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। दरअसल भारत और अन्य देशों में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जो ट्रैफिक जाम का एक बड़ा कारण हैं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी ट्रैफिक की मार झेल रहा है ऐसे में उड़ने वाले कमर्शियल वाहन इस समस्या का समाधान साबित हो सकते हैं।
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इस महात्वाकांक्षी परियोजना के अमल में आने के बाद मौजूदा कमर्शियल वाहनों पर बोझ कम होगा जिससे सड़कों पर भयंकर जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। आने वाले 10 सालों में इस परियोजना का असर देखने को मिल सकता है साथ ही पारंपरिक डीजल-पेट्रोल वाहनों में भी कमी लाई जा सकती है जिससे वायु प्रदूषण भी कम होगा।