वहीं नवसंवत्सर 2080 (hindu new year) के आगमन से जनता के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलने के साथ ही लोगों के मन में दया पनपती दिखेगी। वहीं राष्ट्र में प्रशासनिक कार्यों की अधिकता होगी। इस वर्ष अकाल जैसी स्थितियों का दुनिया पर असर पड़ता दिख रहा है, वहीं खेती में चूहों और टिड्डियों का असर भी देखने को मिल सकता है। कुछ समय के लिए महंगाई में कुछ कमी की संभावना के बीच दूध के उत्पादन में कमी के बाद कीमतों में उछाल आएगा। बढ़ती समस्याओं के बीच लोग भगवान को याद करेंगे, वहीं इस दौरान यज्ञ व हवन के द्वारा संपत्ति व पद का योग-संयोग निर्मित किया जाएगा।
इस समय अधिकारी आम जनता की परेशानी का कारण बन सकते हैं। असमानता में भारी वृद्धि के बीच जनता त्रस्त रह सकती है। अपराध जैसे डकैती, अपहरण इत्यादि में वृद्धि देखने को मिल सकती है। ग्रहों का संयोग इशारा कर रह है कि इस दौरान किसी प्रमुख या बड़े व्यक्ति का अवसान जनमानस को स्तब्ध कर सकता है।
पश्चिमी राष्ट्रों में पुनः झड़प होने के चलते कई राष्ट्र युद्ध की तरफ़ बढ़ते हुए दिखेंगे, लेकिन इन्हें सुलझाने (hindus) के प्रयास भी तेज होंगे। इन युद्धों का सबसे बुरा असर पश्चिमी देशों पर पड़ता दिख रहा है। राष्ट्रों और राजनेताओं में परस्पर तनाव के चलते जनता बेचैन रहेगी। कोरोना जैसे किसी रोग के नए वेरियेंट लोगों की धड़कन में इजाफा करेंगे। इसके साथ ही इस दौरान कई तरह की दुर्घटनाओं का योग भी बनते दिख रहे हैं। सीमा पर तनाव के अलावा नवसंवत्सर 2080 (hindu new year) में तूफान व अग्निकांड से जनधन की क्षति के योग का भी निर्माण होता दिख रहा है।
इस दौरान राजनीतिक स्तर में लगातार गिरावट देखने को भी मिल सकती है। इस साल आकाल की संभावना के बीच दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में भयंकर बारिश की संभावना के साथ ही पूर्वी क्षेत्र में भी खेती को नुक्सान होता दिख रहा है।
इसके अलावा यदि कुछ खास विषयों पर बात करें तो इस नवसंवत्सर 2080 (hindu new year) में नई खोज की संभावना के साथ ही शिक्षा को लेकर कुछ विशेष कार्य होते दिख रहे है। परिवहन की स्थितियों में सुधार की संभावना के बीच कुछ अति विशेष भी इस समयावधि में होता दिख रहा है।
ये संवत्सर बाजार और अर्थ व्यवस्था में कभी गिरावट तो कभी उछाल भी लाता दिखेगा। लेकिन बाद में स्थितियां सामान्य होती दिखेंगी। वहीं आईटी सेक्टर में न तेजी दिखेगी, न ही बड़ी मंदी। शेयर बाजार का कोहराम बाजार में भारी घबराहट दिखाएगा। फिर लगातार कई सुधारों के बाद बाजार संभालेगा।