इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है सूर्य का गोचर
ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, पिता, राजनीति आदि का कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में सूर्य के मजबूत होने से उच्च पद और मान-सम्मान मिलता है। ऐसे में सूर्य का किसी भी राशि में गोचर होने से इसके कारक तत्वों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनती है। ज्योतिषविदों के मुताबिक, मेष राशि में सूर्य उच्च का और तुला राशि में नीच का माना जाता है। सूर्य का गोचर सभी 12 राशियों को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है। कुछ राशियों पर यह शुभ प्रभाव दिखाता है तो कुछ राशियों के लिए सूर्य गोचर की अवधि सावधानी बरतने का समय होता है।
सूर्य का मेष राशि में गोचर- कब?
ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य का गोचर 15 मई को दोपहर 11 बजकर 32 मिनट पर वृषभ राशि में होगा। सूर्य देव इस राशि में अगले 30 दिन तक यानी 15 जून तक रहेंगे, फिर वे मिथुन संक्रांति बनाएंगे।
सूर्य का राशि परिवर्तन इन राशियों के लिए शुभ
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर होने से कर्क, सिंह, कन्या, मकर, कुंभ, मीन राशि के लोगों के लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। यानी सूर्य गोचर की 30 दिनों की अवधि में इन्हें भाग्य का साथ मिलेगा। इस राशि के लोगों को सरकारी क्षेत्र से लाभ हो सकता है। समाज में इनका मान-सम्मान बढ़ेगा। साथ ही आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। इन राशियों के लोग यदि इस दौरान कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं, तो यह समय उनके लिए अनुकूल रहेगा।
इन राशियों को रहना होगा सतर्क
सूर्य देव के वृषभ राशि में गोचर से मेष, वृषभ, तुला, वृश्चिक राशि के लोगों को कुछ सतर्क रहना होगा। इन सभी राशियों से जुड़े लोगों को सूर्य गोचर की 30 दिन की अवधि में सेहत को लेकर परेशानियां हो सकती हैं। बनते काम बिगड़ेंगे। खर्च बढ़ेंगे। सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। नौकरी करने वालों के लिए भी यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है।