इन सपनों का नहीं होता कोई अर्थ
स्वप्न पर ऋषि वाकभट्ट का कहना है कि सपने सात तरह के हैं। देखे, सुने, अनुभूत, मांगने से संबंधित, कल्पना संबंधित और भविष्य में होने वाली चीजों के संकेत और आसपास के दोष का संकेत। ऋषि के अनुसार शुरुआती पांच का कोई फल नहीं होता है। इसके अलावा दिन में देखे जाने वाले स्वप्न का भी कोई फल नहीं होता है।
इतने समय में मिलता है सपने का फल
जगद्गुरु शंकराचार्य के अनुसार स्वप्न रात में देखा और जागने पर भूल गए तो उसका भी कोई फल नहीं होता। लंबे स्वप्न और छोटे स्वप्न का भी फल नहीं होता। वहीं धार्मिक ग्रंथों में फल मिलने का समय भी बताया गया है। रात की शुरुआत में ही स्वप्न देखा तो एक वर्ष में फल मिलता है। मध्य रात्रि में देखे स्वप्न का फल आठ माह के भीतर और सूर्योदय के पहले देखे स्वप्न का फल तीन से छह माह में मिलता है और सूर्योदय के समय देखे जाने वाले स्वप्न का फल उसी दिन मिल जाता है।
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कब नहीं मिलता स्वप्न फल
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के अनुसार प्रातःकाल देखे जाने वाले स्वप्न का फल अच्छा ही मिलता है। लेकिन शर्त यह है कि स्वप्न देखने के बाद आप सो न गए हों या रात में देखे गए स्वप्न की किसी से चर्चा कर दी तो उसका फल समाप्त हो जाता है। यदि स्वप्न देखा और मन में स्वप्न के विरुद्ध खयाल आ गए तब भी स्वप्न फल समाप्त हो जाता है।
कब नहीं मिलता स्वप्न फल
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के अनुसार प्रातःकाल देखे जाने वाले स्वप्न का फल अच्छा ही मिलता है। लेकिन शर्त यह है कि स्वप्न देखने के बाद आप सो न गए हों या रात में देखे गए स्वप्न की किसी से चर्चा कर दी तो उसका फल समाप्त हो जाता है। यदि स्वप्न देखा और मन में स्वप्न के विरुद्ध खयाल आ गए तब भी स्वप्न फल समाप्त हो जाता है।
दुःस्वप्न के अशुभ फल से कैसे बचें
शंकराचार्य के अनुसार यदि कोई खराब स्वप्न आपने देखा तो उठने पर दान, होम कर दें, जिससे उसका खराब प्रभाव समाप्त हो जाता है। ऐसा भी कर सकते हैं कि दुःस्वप्न आया और आप जग गए तो थोड़ी देर और सो जाएं। इससे भी स्वप्न फल समाप्त हो जाता है। वहीं अच्छा स्वप्न आने के बाद आप फिर सो गए तो उसका फल भी समाप्त हो जाता है।
इन्हें कभी न बताएं स्वप्न
शंकराचार्य के अनुसार कश्यप गोत्र वाले व्यक्ति से स्वप्न साझा नहीं करना चाहिए। इससे आप पर विपत्ति आ सकती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार दुर्भाग्यशाली लोगों से भी स्वप्न साझा नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को स्वप्न बताने से विपत्ति आ सकती है। इसके अलावा बुरे व्यक्तियों और शत्रु से भी स्वप्न साझा नहीं करना चाहिए। इससे वे दुरुपयोग कर सकते हैं।
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सपने में शिवलिंग दिखने का संकेत
शंकराचार्य के अनुसार स्वप्न में दिखी बहुत सी चीजों के शुभ परिणाम होते हैं तो कुछ के अशुभ। इस संबंध में ब्रह्म वैवर्त पुराण के 77वें अध्याय में विस्तार से बताया गया है। इसके अनुसार किसी व्यक्ति को स्वप्न में शिवलिंग या भगवान की प्रतिमा दिखाई देता है तो इसका अर्थ है कि उसे किसी कार्य में सफलता या शत्रु पर विजय मिलने वाली है। यह धन प्राप्ति का भी संकेत है।
सपने में शिवलिंग दिखने का संकेत
शंकराचार्य के अनुसार स्वप्न में दिखी बहुत सी चीजों के शुभ परिणाम होते हैं तो कुछ के अशुभ। इस संबंध में ब्रह्म वैवर्त पुराण के 77वें अध्याय में विस्तार से बताया गया है। इसके अनुसार किसी व्यक्ति को स्वप्न में शिवलिंग या भगवान की प्रतिमा दिखाई देता है तो इसका अर्थ है कि उसे किसी कार्य में सफलता या शत्रु पर विजय मिलने वाली है। यह धन प्राप्ति का भी संकेत है।
सपने में गुरु के दर्शन का क्या है संकेत
स्वप्न शास्त्र के अनुसार पूज्य पुरुषों गुरुजनों का स्वप्न में दर्शन शुभ होता है। गुरुजी ने स्वप्न में आपको दर्शन दिया है, इसका अर्थ है कि उनकी कृपा आप पर है और आपका कल्याण होगा। स्वप्न में जो दिखे, उसे प्रत्यक्ष देखना चाहिए तो आप कार्यक्रम बनाइये और गुरुजी का दर्शन कर आशीर्वाद लीजिए। ऐसा विष्णुजी और शिवजी ने भी किया था।