आपको बता दें कि सूर्य जब भी अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं, तो वे जिस राशि में परिवर्तन करेंगे उस नाम से संक्रांति काल का समय कहलाता है। यानी 14 अप्रैल को सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करेंगे, तो यह समय मेष संक्रांति कहलाएगा। सूर्य हमारे प्रत्यक्ष देव हैं। ग्रहों में इन्हें राजा की संज्ञा दी गई है। इसलिए इनका राशि परिवर्तन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्तमान में मेष राशि में राहु ग्रह भी मौजूद हैं। बुध ग्रह भी मौजूद हैं। ऐसे में सूर्य और राहु की युति जहां विनाशकारी योग ग्रहण योग बना रही है। वहीं सूर्य और बुध की युति बुधादित्य राजयोग बना रही है। चूंकि सूर्य को सत्ता, पिता का कारक ग्रह माना गया है। वहीं, राहु जिस भी ग्रह के साथ युति करते हैं, उसके प्रभावों को बढ़ा देते हैं। ऐसे में राहु और सूर्य की युति से बनने जा रहे ग्रहण योग का राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर क्या असर पड़ेगा?
मेष
मेष राशि में सूर्य और राहु की युति से ग्रहण योग लग्न में बनने जा रहा है। इस युति के कारण इस अवधि में आपका अहंकार आत्मविश्वास में बदल सकता है। सरकारी और राजनीतिक लोगों से आपको फायदा मिल सकता है। लेकिन, आपको पार्टनरशिप में कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
मिथुन
मिथुन राशि में ये ग्रहण योग एकादश भाव में यानी इच्छापूर्ति के भाव में बनने जा रहा है। इस अवधि में आपको हर तरह से लाभ मिलेगा। सरकारी कार्यों में भी आपको लाभ मिलने के योग बन रहे हैं।
कर्क
कर्क राशि में ये ग्रहण योग दशम भाव में यानी कर्म के भाव में बनने जा रहा है। इस अवधि में नौकरी के कारण आपकी यात्रा के योग बन रहे हैं। लेकिन यात्रा के दौरान आपको सेहत का ख्याल रखना होगा। अपने सभी प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करना होगा। सभी कार्यों पर फोकस बनाए रखते हुए कार्यों को अंजाम दें।
सिंह
सिंह राशि में ये ग्रहण योग नवम भाव में बनने जा रहा है। इसके कारण आप धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। लेकिन इस अवधि में आपकी पिता के साथ अनबन भी हो सकती है। घर के बड़ों को सम्मान दें। सबका आशीर्वाद जरूर लें।
तुला
तुला राशि के लिए यह ग्रहण योग सप्तम भाव में होने जा रहा है। इस अवधि में आपको पारिवारिक तनाव झेलना पड़ सकता है। इस अवधि में जो भी फैसले लें, वे सोच-समझकर लें। अपने पार्टनर के साथ अच्छी तरह से पेश आएं। यह अवधि आपके के लिए कष्टकारी हो सकती है। इसके साथ ही ग्रहण योग के साथ ही 22 अप्रैल को चांडाल योग का निर्माण भी होगा। इसलिए अगले 1 महीने तक आपको सावधान रहना चाहिए। पार्टनरशिप को लेकर अलर्ट रहें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के लिए यह ग्रहण योग छठें भाव में होने जा रहा है। इस अवधि में आपके शत्रु आपसे परेशान रहेंगे। आपको परिवार का सहयोग मिलेगा। बड़ों का आशीर्वाद लें और अपनी सेहत का ख्याल रखना न भूलें।
धनु
धनु राशि के लिए यह ग्रहण योग पंचम भाव में होने जा रहा है। इस अवधि में आपको तनाव का सामना करना पड़ सकता है। पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के सामने परेशानियां आ सकती हैं। प्रेम भाव को लेकर भी आप परेशान हो सकते हैं। इस अवधि में आप धोखा भी खा सकते हैं। कोई भी फैसला सोच-समझकर लें। आंखे मूंदकर किसी पर भी विश्वास न करें।
कुंभ राशि में यह ग्रहण योग तीसरे यानी पराक्रम भाव में बनने जा रहा है। इस समय आपके साहस में वृद्धि होगी। धार्मिक यात्रा के योग बन रहे हंै। इस अवधि में आप अपने काम से मतलब रखें।
मीन
मीन राशि के लिए यह ग्रहण योग द्वितीय भाव में होने जा रहा है। इस अवधि में आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। अपने व्यवहार को अच्छा बनाए रखें। इस समय आपकी धन हानि के योग बन रहे हैं। इस अवधि में नए लेन-देन को लेकर अलर्ट रहें।
वृष
वृष राशि में ये ग्रहण योग बारहवें भाव में बनने जा रहा है। इस समय आपको मानसिक तनाव रह सकता है। इस अवधि में आपको सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। वहीं अपने खर्चों पर भी नियंत्रण रखना चाहिए अन्यथा आपको आर्थिक परेशानियां हो सकती हैं।
कन्या
कन्या राशि के लिए ये ग्रहण योग अष्टम भाव में होने जा रहा है। इसीलिए इस समय ससुराल पक्ष से मनमुटाव भी हो सकता है। इस अवधि में आपको सेहत का ख्याल रखना होगा। आपको इस अवधि में पैसे के लेन-देन से भी बचना चाहिए। इस दौरान आपको किसी भी तरह के शारीरिक कष्ट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जरूरत पडऩे पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
मकर
मकर राशि के लिए यह ग्रहण योग उनके चतुर्थ भाव में होने जा रहा है। इस अवधि में परिवार में अनबन का सामना करना पड़ सकता है। आपको अपनी मां की सेहत का ख्याल रखना होगा। बिजनेस करने वाले लोग तनाव से परेशान रहेंगे। आपको कुछ लोग नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इस अवधि में किसी भी तरह के लेनदेन को लेकर अलर्ट रहें।