कुंभ राशि
आचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार कुंभ राशि वालों को मध्य की साढ़ेसाती शनि के प्रभाव से परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। सही दिशा में परिश्रम करने से परिणाम स्वरूप लाभ प्राप्त होगा, शनि के अतिरिक्त जन्मकुण्डली में स्थित अन्य ग्रहों के अनुसार साढ़ेसाती के शुभाशुभ फलों में परिवर्तन संभव है। इसलिए जन्मपत्री की ग्रहदशा के अनुसार शुभाशुभ फलों का आकलन करें। मात्र अपनी राशि पर शनि की साढ़ेसाती अथवा ढैय्या देखकर भयभीत न हों।
मीन राशि
मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती चढ़ रही है। इस चढ़ती हुई साढ़ेसाती के प्रभाव से गलत निर्णय ले सकते हैं, इसके लिए इससे बचने का प्रयास करना चाहिए। आप से कोई गलत फैसला न हो इसका उपाय अवश्य करें वर्ना गंभीर नुकसान झेलना पड़ सकता है।
उतरती साढ़े साती से खुलेंगे उन्नति के द्वार
मकर राशि
आचार्य वार्ष्णेय के अनुसार मकर राशि वालों पर उतरती हुई साढ़ेसाती के प्रभाव से जन्मकुण्डली के अन्य ग्रह अच्छे होने पर अथवा जन्मकुण्डली में शुभ दशा के प्रभाव से व्यापार में उन्नति के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। हालांकि मकर राशि वालों को शनिवार के दिन शनि के निमित्त किसी गरीब व्यक्ति को भोजन आदि अवश्य कराना चाहिए।
नए साल में शनि कब होंगे वक्री और क्या हैं शनि के उपाय
ग्रह नक्षत्रम् ज्योतिष शोध संस्थान के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार शनि ग्रह सन 2024 ई. में 29 जून से 15 नवम्बर तक कुंभ राशि में वक्री रहेंगे और इसी अवस्था में कुंभ राशि में भ्रमण करेंगे। इस अवधि में प्रतिदिन शनि चालीसा का पाठ करना अत्यन्त कल्याणकारी रहेगा। शनि से पीड़ित व्यक्ति वैदिक मंत्रों से शनि की शांति कराएं जो वैदिक मंत्रों का जाप किसी कारणवश न करा पाएं, वे काले घोड़े की नाल का छल्ला शनिवार के दिन बनवाकर तेल में चेहरा देखकर शनि का दान कर धारण करें, शनिदेव कल्याण करेंगे।