दस दिन की है गुप्त नवरात्रि
गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से 15 जुलाई तक रहेगी। इस दौरान अनेक श्रद्धालु साधना करेंगे। इसी प्रकार शहर के कई मंदिरों में भी साधक साधना करेंगे और अखंड ज्योत जलाएंगे। इस बार नवरात्रि के दौरान चतुर्थी तिथि दो दिन रहेगी, इसके कारण नवरात्र 9 के बजाय 10 दिनों के होंगे। पंडितों का कहना है कि साल में चार बार नवरात्रि आती है, जिसमें दो बार प्रकट और दो बार गुप्त नवरात्रि होती। ये भी पढ़ेंः Aashadh Navratri: कब शुरू हो रही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, जानिए घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त, शुभ योग, महत्व और मां की सवारी
खरीदारी के लिए विशेष शुभ होता है रवि पुष्य
ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम ने बताया कि 27 प्रकार के नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ होता है। इस नक्षत्र में किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं। खासकर यह जब भी रविवार और गुरुवार को आता है तो रवि पुष्य और गुरु पुष्य योग बनता है। यह योग खरीदारी सहित सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए प्रशस्त माने गए हैं। रवि पुष्य योग में खासकर सोना सहित लाल धातु खरीदना अत्यंत शुभ होता है। इसी प्रकार भूमि, भवन, वाहन, घरेलू सामान सहित स्थायित्व देने वाली वस्तुओं की खरीदना शुभ होता है। पं. विष्णु राजौरिया ने बताया कि प्रकट नवरात्र आराधना और गुप्त नवरात्रि साधना के लिए काफी उपयुक्त माने गए हैं। मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए इस नवरात्र में कई साधक साधना करते हैं। नवरात्रि में मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमाता, भैरवी, मां धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। ये दस महाविद्याएं है। इनकी गुप्त साधना से मनोकामना की पूर्ति होती है।
रवि पुष्य योग का शुभ मुहूर्त
रविवार 7 जुलाई 2024सुबह 05:40 बजे से 8 जुलाई सुबह 05:41 बजे तक ये भी पढ़ेंः Chaturmas Start Date 2024: चातुर्मास में बंद हो जाएंगे ये काम, जानें महत्व और क्या काम करें, क्या न करें