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धर्म/ज्योतिष

Gudi Padwa 2021 : हिंदू नववर्ष 2078 में ग्रहों का मंत्रिमंडल और क्या देंगे फल

मंगल राजा भी और मंत्री भी…

Mar 20, 2021 / 10:40 am

दीपेश तिवारी

Know the planets in cabinet of Navsamvatsar 2078

13 अप्रैल को अमृतसिद्धि योग में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा पर इस बार नव संवत्सर का आरंभ होगा। मंगलवार के दिन शुरु हो रहे इस सनातन नववर्ष के राजा व मंत्री दोनों ही मंगल होंगे। वहीं इनके मंत्री मंडल में भी कुछ महत्वपूर्ण ग्रह शामिल रहेंगे। जिसका असर हमें 2078 संवत्सर में देखने को मिलेगा।

ज्योतिष के जानकार डीके शस्त्री के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर भारतीय नवसंवत्सर की शुरुआत होती है। जिसके चलते हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार इस बार 13 अप्रैल मंगलवार को आनंद संवत्सर का आरंभ होना चाहिए था, लेकिन 2077 का प्रमादी संवत्सर अपूर्ण रहने से यानि केवल फाल्गुन मास तक रहेगा।

जबकि इसके बाद पड़ने वाला ‘आनन्द’ नाम का विलुप्त संवत्सर पूर्ण वत्सरी अमावस्या तक रहेगा। ऐसे में आगामी संवत्सर संवत 2078 जो राक्षस नाम का होगा वह चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होगा। यह संवत्सर 31 गते चैत्र तद अनुसार 13 अप्रैल 2021 मंगलवार से प्रारंभ होगा।

वहीं मंगलवार के दिन वर्ष का आरंभ होने से वर्ष के राजा मंगल होंगे। मंत्री का पद भी मंगल के पास रहेगा। राक्षस नामक के इस संवत्सर में कई तरह की राक्षसी प्रवृत्तियों के उदय होने का संकेत हैं। जो खुलकर सामने भी आएंगे। लेकिन मंगल जो देव सेनापति होने के साथ ही पराक्रम के कारक हैं, वह इन्हें जीतने नहीं देंगे।

राजा-मंत्री मंगल: ऐसा रहेगा का प्रभाव
इस बार मंगल नए वर्ष के स्वामी है, जो ग्रह गोचर में मिथुन राशि पर रहेंगे। ऐसे में वे यहां से जहां वह चौथी दृष्टि से कन्या राशि को देखेंगे, तो वहीं सातवीं दृष्टि से धनु राशि को और मकर राशि को आठवीं दृष्टि से देखेंगे।

वहीं भले ही मंगल मकर राशि में उच्च के होते हैं, लेकिन यहां पर मकर राशि पर शनि विराजमान हैं, इस दृष्टि से मंगल का शनि से षड़ाष्टक संबंध भी बनेगा जो सेना का आधुनिकीकरण, प्रशासनिक परिवर्तन,चिकित्सा,तकनीक संचार, नए स्टार्टअप्स, पुलिस प्रशासन में नवीनता, सामाजिक समरसता आदि से जुड़े मुद्दों पर बढ़े परिवर्तन की स्थिति को दर्शाता दिख रहा है।

मंगल को भूमि पुत्र भी कहा जाता है, वहीं यह भूमि के भी कारक होते हैं। ऐसे में जहां देश के पराक्रम में वृद्धि की स्थिति देखने को मिलेगी। वहीं मंगल के प्रभाव के चलते कई जगह से भारत की भूमि जो अन्य राष्ट्रों ने कब्जा रखी है, वो विमुक्त हो सकती है।

वहीं ऐसे में वैज्ञानिक सृष्टि से सफलता कायम होगी। वहीं इसके नकारात्मक पक्ष्र की बात करें तो कुछ स्थानों पर विवाद की स्थिति भी निर्मित होगी, देश में कई आंदोलन भी इस समय हो सकते हैं, किंतु 2022 तक पद प्रभाव के कारण धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी।

मंत्री मंगल के चलते व्यवसाय में भारी मांग बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। बुद्धिमत्ता व कार्यकुशलता से लोग संचार माध्यम के द्वारा व्यवसाय से लाभ प्राप्त करेंगे।

सेनापति होंगे चंद्र
मंगल की केबिनेट में इस बार चंद्र रक्षा मंत्री के तौर पर रहेंगे। ऐसे केंद्र व राज्य शासन में अनुकूलता स्थापित होगी। नए समीकरणों से विशिष्ट कार्य संपन्न् होंगे। इससे जनता प्रसन्नता का अनुभव करेगी। सामाजिक समरसता के प्रयासों में सफलता संभव है।

विज्ञान,सााहित्य,खेल जगत से जुड़े लोगों के लिए यह वर्ष विशेष स्मृति देने वाला रहेगा। लेकिन मन के कारक होने के कारण कई बार देश में आंदोलनों को भी इस बार देखा जा सकता है।

गुरु संभलेंगे वित्त विभाग
ज्योतिष में इस साल की मंगल की केबिनेट में बृहस्पति यानि गुरु के पास वित्त विभाग रहेगा। व्यापार,व्यावसाय में प्रगति व आर्थिक वृद्धि होने से लोगों की जीवन शैली में सुधार होगा। जनमानस का आध्यात्म से जुड़ाव होगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। वहीं गुरु के द्वारा धन की कमी भी नहीं होने दी जाएगी।

बुध बनेंगे कृषि मंत्री
ज्योतिष में इस साल की मंगल की केबिनेट में बुध को मौसम यानि कृषि मंत्री का पद प्राप्त है। ऐसे में बुध के चलते समय पर वर्षा होने से धान उत्पादन अच्छा होने की संभावना है। वहीं कुछ स्थानों पर खंड वृष्टि के चलते धान के भाव में तेजी दिखाई दे सकती है।

सूर्य का प्रभाव
ग्रहों में सूर्य को राजा माना गया है, ऐसे में सूर्य का प्रभाव हमेशा ही खास रहता है। इस बार सूर्य की दिशा व दशा के चलते देश के कुछ स्थानों पर खंड वृष्टि होने से उन जगहों पर धान्य आदि के भावों में वृद्धि होगी। वहीं विपरीत परिस्थितियों के कारण कुछ स्थानों पर जनआंदोलन की संभावना बनेगी।

शुक्र का असर
भाग्य के कारक शुक्र का प्रभाव भी हमेशा ही नववर्ष की कुंडली में महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में इस साल कीमती धातुओं के भावों में वृद्धि होने से और शेयर मार्केट की उछाल देखने को मिल सकता है। विदेशों में परंपरागत वस्तुओं की मांग और भी बढ़ेगी। इससे भारत को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।

कुल मिलाकर ग्रहों की स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि इस बार पर्याप्त बारिश व उन्नत खेती होगी। वहीं भारत में व्यापार की अनुकूलता, चिकित्सकीय प्रयोग में सफलता उसे विश्व में एक नई पहचान देगी। वहीं कुछ जानकारों का ये भी कहना है कि इस वर्ष सर्वत्र श्रेष्ठ वर्षा होने से प्रचुर मात्रा में खाद्य सामग्रियों का संग्रहण होगा। योजना अनुसार देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की शुरुआत होगी। नारी शक्ति के सम्मान में वृद्धि होगी।

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