पंडित धीरेंद्र दीक्षित बताते हैं कि नौकरी के कारक यूं तो शनिदेव होते हैं पर यदि कार्यस्थल पर समस्याएं आती हैं तो यह सूर्यदेव की नाराजगी की वजह से हो सकती है। ऐसे में सूर्य ग्रह से संबंधित दान.पूजादि कर लेने चाहिए जिससे लाभ जरूर मिलता है।
सूर्य ग्रह की पूजा दान आदि स्वयं करे या योग्य ब्राह्मण अथवा अपने गुरु से करवाएं। संभव हो तो सूर्य मंत्र ओम घृणि सूर्याय नमः की कम से कम एक माला का रोज जप करें। रविवार को आदित्य हृदय स्त्रोत्र का तीन बार पाठ करें।
पंडित अरूण कुमार बुचके के अनुसार कुंडली में नवग्रहों के राजा के रूप में सूर्य ही सबसे निर्णायक ग्रह हैं। यही कारण है कि सूर्यदेव हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी कृपा से ही जीवन में यश, मान.सम्मान.पैसा प्राप्त होता है।
नौकरी में यदि अधीनस्थ आपकी अनसुनी करते हैं या उच्चाधिकारी आपसे अकारण नाराज रहते हैं तो सूर्यदेव का आशीर्वाद पाना जरूरी रहता है। उनकी प्रसन्नता का एक बेहद सरल उपाय है जोकि बहुत कारगर भी है। रोज सुबह जल्दी सोकर उठें और स्नान करके सूर्यदेव को जल अर्पित करें। ब्रह्ममुहुर्त में उठकर और स्नान करके सूर्य को जल अर्पित करने पर और भी अच्छा फल प्राप्त होता है। कुछ दिनों में इस प्रयोग के परिणाम नजर आने लगते हैं। अधीनस्थ आपकी सुनने लगेंगे और आप बॉस के सबसे चहेते बन जाएंगे।