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स्वास्थ्य

गीता के इस श्लोक से जानिए, कैसे दूर हो सकते हैं शरीर के सभी रोग

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3 months ago
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गीता में एक श्लोक है जिसमें कृष्ण और अर्जुन के बीच वार्ता है। श्लोक है, 'युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु। युक्तस्वप्नाव बोधस्य योगो भवति दु:ख।।' इस श्लोक का अर्थ है कि संतुलित आहार, मनोरंजन, और कर्मों में संतुलन रखने से, सही प्रयास करने से, और सुचित नींद लेने से व्यक्ति दुख से मुक्त हो सकता है। इस श्लोक में से 'युक्ताहारविहारस्य पद्धति' का अर्थ है कि आपको संतुलित आहार और मनोरंजन का पालन करना चाहिए, जिससे आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहे। इस प्रकार का योग आयुर्वेद में भी सुझाव दिया जाता है।

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भगवद गीता में एक श्लोक है जिसमें कृष्ण और अर्जुन के बीच वार्ता होती है। इस श्लोक में कहा गया है, 'युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु। युक्तस्वप्नाव बोधस्य योगो भवति दु:ख।।' इसका मतलब है कि संतुलित आहार, आरामपूर्ण विहार, सही कर्म, और अच्छी नींद से योग होकर दुखों से मुक्ति प्राप्त हो सकती है। काल के साथ में, इस श्लोक में से 'युक्ताहारविहारस्य पद्धति' को आयुर्वेदिक तथा प्राकृतिक चिकित्सा के विशेषज्ञों ने अपनाया है और कहा है कि युक्त आहार और स्वस्थ जीवनशैली से हम शारीरिक और मानसिक रोगों से बच सकते हैं।

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सामान्य युक्त आहार
सामान्य युक्त आहार में शामिल होने वाले खाद्य सामग्री - मोटे आटे की रोटी, उबली हुई सब्जियां (जिनमें नमक, मिर्च-मसाले मिनिमम मात्रा में हों), अंकुरित अनाज, सलाद, छाछ या दही। लेकिन इस आहार के साथ चिकनाई, खटाई, मैदे से बनी चीजें, ठंडी चीजें, और अधिक मात्रा में मसालों का सावधानीपूर्वक उपयोग करें।

पानी: हर व्यक्ति को रोजाना कम से कम सवा तीन लीटर (8-10 गिलास) पानी जरूर पीना चाहिए।

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युक्त विहार
युक्त विहार का मतलब है संतुलित व्यायाम करना। इसका सुझाव है कि व्यक्ति को रोजाना सुबह खाली पेट 40 मिनट और रात के भोजन के बाद 20 मिनट टहलना चाहिए। साथ ही, योगासन और प्राणायाम भी एक विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार किया जाना चाहिए।

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युक्त आहार , संतुलित भोजन
युक्त आहार का मतलब है संतुलित भोजन करना। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, मिनरल्स, विटामिन, और पानी जैसे छह प्रमुख तत्व शामिल होते हैं। यह आहार व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा प्रभाव डालता है, लेकिन यह इस बारे में भी निर्भर करता है कि व्यक्ति किसी खास रोग से पीड़ित है या नहीं। उदाहरण के लिए, डायबिटीज के मरीजों को चीनी और आलू जैसी चीजों का सेवन कम करना चाहिए, और यदि यूरिक एसिड बढ़ा है तो पनीर और दूध की तरह की चीजों से परहेज करना चाहिए।

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बेमेल आहार से बचें -
बेहतर आहार विचारों के लिए कुछ सुझाव - दूध के साथ खट्टे पदार्थों जैसे नींबू पानी, दही, इमली आदि का सेवन कम करें, क्योंकि ये त्वचा से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकते हैं, जैसे कि सोरायसिस, वर्टिलिगो या एग्जिमा।

अधिक मात्रा में गरिष्ठ चीजों को मिलाकर न खाएं, जैसे कि पनीर की सब्जी और राजमा, क्योंकि इससे पाचन का समस्याएं हो सकती हैं।

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बेमेल आहार से बचें -
- फल खाने के बाद पानी पीने से पाचन प्रक्रिया को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन अधिक पीने से अपच हो सकता है।

- खीर और रायता को एकसाथ न खाएं, क्योंकि यह अपच और त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता हैं।

- भोजन के बाद ठंडा पानी पीने से बचें, क्योंकि यह शरीर में पाचन प्रक्रिया को धीमा कर सकता है।

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