ज्योतिषियों के अनुसार लॉन्चिंग के समय भाग्यस्थान के स्वामी चंद्रमा सप्तम भाव में बैठकर उच्च हो गए हैं और चंद्रमा का उच्च होना चंद्रयान के लिए अनुकूल है और सबसे अच्छी बात यह है कि वृषभ राशि में चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होंगे जो कि उनका सबसे अनुकूल नक्षत्र माना जाता है, इन कारणों से चंद्रयान मिशन की सफलता की प्रबल संभावना है।
ग्रह नक्षत्रम् ज्योतिष शोध संस्थान प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय का कहना है कि चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के लिए हमारे वैज्ञानिक पूरी कोशिश कर रहे हैं, और उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। ज्योतिष की बात करें तो ग्रह नक्षत्र भी इस अभियान के अनुकूल हैं। इसलिए चंद्रयान 3 की सफलता के सौ फीसदी चांस है।
ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार जब इस यान को लॉन्च किया गया था तो 14 जुलाई को चंद्रमा अपनी उच्च राशि में था जो सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त था, चंद्रमा सबसे ज्यादा बलवान रोहिणी नक्षत्र और अपनी उच्च राशि में ही होता है, चंद्रयान लॉन्च के समय चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा उच्च राशि में संचार कर रहा था।
वहीं, 23 अगस्त को चंद्रमा अपनी नीच वृश्चिक राशि में रात्रि 10:20 तक रहेगा अतः रात्रि 10:20 के अंदर चंद्रयान लैंडिंग पूर्ण सुरक्षित रहेगी, जब चंद्रमा उच्च का होता है तो उस समय तकनीकी कार्य जैसे चंद्रयान विमान लॉन्च करना आदि बहुत अच्छा माना जाता है। जबकि जब चंद्रमा नीच का हो जाता है तब इसको पृथ्वी पर सफलतापूर्वक उतारने में सफलता मिलती है।
क्या कहते हैं आचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी
लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर उतरने को लेकर हल्द्वानी में श्रीमहादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय देवलचौड़ के प्राचार्य और ज्योतिषी डॉ. नवीन चंद्र जोशी का कहना है कि इस समय सूर्य अपनी राशि सिंह में हैं, अतः चंद्रयान 3 की सफलता के पूर्ण योग बने हुए हैं। बृहस्पति राहु मेष राशि में हैं, जिसके कारण वैज्ञानिकों के लिए तनाव तो बढ़ेगा लेकिन ग्रहों के योग कह रहे हैं सफलता शत प्रतिशत मिलेगी।