कोर्ट ने याचिका वापस करते हुए कहा कि जब तक वह सरेंडर नहीं करते हैं, तब तक उनको अपील करने की इजाजत नहीं होगी। मुशर्रफ ने गत गुरुवार को शीर्ष कोर्ट में अर्जी दाखिल कर विशेष अदालत के फैसले को रद करने की अपील की थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष अदालत ने गत 17 दिसंबर को मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। मुशर्रफ को 2007 में आपातकाल लागू करने, संविधान को निलंबित करने और जजों को हिरासत में रखने के आरोप में 2013 में नवाज शरीफ सरकार ने मुकदमा दर्ज कराया था। मुशर्रफ 18 मार्च, 2016 से दुबई में रह रहे हैं।
मुशर्रफ को एक महीने के अंदर करना होगा सरेंडर
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि मुशर्रफ की याचिका वापस कर दी गई है और कहा गया है कि जब तक वह सरेंडर नहीं करते हैं तब तक याचिका पर सुनवाई नहीं होगी।
इसके लिए कोर्ट ने एक महीने का समय दिया है और कहा है कि एक महीने के अंदर सरेंडर करें। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो वह अपील करने का अधिकार गवां देंगे।
मुशर्रफ राजद्रोह मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, फैसले को रद्द करने की मांग
आपको बता दें कि परवेज मुशर्रफ ने अपनी सजा के खिलाफ बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में 90 पेजों की याचिका दायर की थी। इसमें उनके वकील सलमान सफदर ने कहा था कि कोर्ट में मुशर्रफ की सेहत ठीक नहीं है, जिसके कारण वे अदालत में पेश नहीं हो सके। इसपर कोर्ट ने यह माना कि वे बीमार हैं, फिर भी उनकी अनुपस्थिति में फैसला सुना दिया।
हालांकि इससे पहले बीते सोमवार को लाहौर हाई कोर्ट ने मुशर्रफ की अपील पर विशेष अदालत के फैसले को असंवैधानिक करार दिया था।
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