पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सांसदों और विधायकों ने निर्धारित समय के भीतर अपनी सालाना आमदनी, संपत्तियों और दायित्वों का विवरण चुनाव आयोग में नहीं जमा कराया है।
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यह सांसद और विधायक संसद व विधानसभाओं की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इस आशय की सूचना संसद व चारों प्रांतों की विधानसभाओं के सचिवों को दे दी गई है। जिन संघीय मंत्रियों की सदस्यता निलंबित हुई है उनमें विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी व धार्मिक मामलों के मंत्री नूर उल हक कादरी शामिल हैं।
पंजाब विधानसभा के 115 विधायकों की सदस्यता निलंबित
चुनाव आयोग के मुताबिक, संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली के 70 और उच्च सदन सीनेट के 12 सदस्यों की सदस्यता निलंबित की गई है। पंजाब विधानसभा के 115, सिंध विधानसभा के 40, खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा के 60 और बलोचिस्तान विधानसभा के 21 सदस्यों की सदस्यता निलंबित की गई है।
जिस कानून के तहत इन जनप्रतिनिधियों की सदस्यता निलंबित की गई है, उसमें सांसदों-विधायकों को अपनी, अपने पति अथवा पत्नी तथा उन पर निर्भर संतानों की संपत्तियों का विवरण वार्षिक स्तर पर देना अनिवार्य है।
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