73 लाख लोगों को किया विस्थापित
अभी तक इस तूफान की चपेट में आने से 25 की जान गई है। इसमें से एक 43 वर्षीय शख्स पर कार का हिस्सा गिरने से मौत हो गई। इसके अलावा प्रशासन ने एहतिहातन करीब 73 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया है। साथ ही रग्बी विश्व कप के दो मैचों को भी रद्द करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, तूफान का प्रभाव इलाके में दस्तक देने से पहले ही दिखने लगा था। इस कारण पहले से ही देश में तेज बारिश का कहर बरप रहा था।
तूफान के चलते हर ओर तबाही
सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक माने जा रहे इस तूफान के कारण देश के प्रमुख द्वीप होंशू में भूस्खलन की आशंका जताई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, होंशू द्वीप के शहर चिबा में इसका उपद्रव जारी है, जहां हवा के तेज झोंकों के चलते यहां के कई घरों की छतें उड़ गई है, जिससे कई लोग घायल हो गए हैं।
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जापान के दो बड़ी एयरलाइनों एनए और जेएएल ने दो हवाई अड्डों (हनेदा और नरिता) से निर्धारित सभी घरेलू उड़ानों रद्द करना पड़ा । सेंट्रल जापान रेलवे कंपनी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि टोक्यो और नागोया के बीच शिनकानसेन बुलेट ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया है। तूफान के कारण सुजुका ग्रैंड प्रिक्स में भी खलल पड़ा और 1,600 से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पाए।
भूस्खलन के लिए एक आपातकालीन चेतावनी
ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि हागिबिस साल 1958 में कान्टो और इजू क्षेत्र में तबाही मचाकर 1,200 से अधिक लोगों की जान लेने वाली तूफान की बराबरी कर सकता है। जापान के मौसम विभाग ने टोक्यो, इजू और शिलुओका प्रांत में भूस्खलन के लिए एक आपातकालीन चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही जापान सरकार ने निवारक उपायों के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई है और मध्य, दक्षिण व पश्चिमी जापान के निवासियों को इस पूरे सप्ताह सतर्क रहने की सलाह दी है।