कितनी रही गहराई?
ताइवान में आज आए इस भूकंप की गहराई 34.8 किलोमीटर रही। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (United States Geological Survey – USGS) ने भी इसकी पुष्टि की।
बैक-टू-बैक 27 आफ्टरशॉक्स
ताइवान में आज आए 7.4 तीव्रता के भूकंप का असर इतना ज़्यादा था कि हुलिएन सिटी के आसपास बैक-टू-बैक अब तक 27 आफ्टरशॉक्स आ चुके हैं।
जापान और फिलीपींस में भी भूकंप का असर
ताइवान में आया भूकंप इतना जोरदार था कि इसका असर जापान (Japan) और फिलीपींस (Philippines) के कुछ हिस्सों में भी महसूस किया गया।
कई इमारतें तबाह
ताइवान में आज आए भूकंप की वजह से प्रभावित क्षेत्र के पास कई इमारतें ढह गई और पूरी तरह से तबाह हो गई। इससे लोगों में भगदड़ मच गई। प्रभावित क्षेत्र में भूकंप के असर से लोग भी अपने-अपने घरों से बाहर निकल भागे। कई लोगों के घर भी इस भूकंप की वजह से तबाह हो गए। करीब एक लाख घरों की बिजली गुल हो गई है। साथ ही भूकंप प्रभावित क्षेत्र और आसपास के कुछ इलाकों में इंटरनेट सर्विस भी प्रभावित हुई है।
अब तक 9 लोगों की मौत
ताइवान में आज आए भूकंप की वजह से अब तक 9 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इस भूकंप की वजह से 1,000 से ज़्यादा लोग घायल भी हो गए हैं जिनमें से कई लोगों की स्थिति कुछ गंभीर बताई जा रही है। कुछ लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की भी आशंका जताई जा रही है। रेस्क्यू टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है।
सुनामी का खतरा टला
ताइवान में आया भूकंप इतना जोरदार रहा कि कुछ देर में ही सुनामी का अलर्ट जारी हो गया था। सिर्फ ताइवान में ही नहीं, जापान के ओकिनावा (Okinawa) और फिलीपींस में प्रभावित इलाके में भी सुनामी का खतरा पैदा हो गया था। पर अब सुनामी का खतरा टल गया है।
भूकंप के मामलों का बढ़ना है चिंताजनक
दुनियाभर में भूकंप के मामलों में इजाफा हो रहा है। दुनियाभर में पिछले एक साल में किसी न किसी जगह भूकंप के मामले देखने को मिलते हैं। कुछ भूकंपों से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है, पर पिछले कुछ महीनों में कुछ ऐसे भी भूंकप देखने को मिले हैं जिनसे भारी तबाही मची है। पिछले साल तुर्की (Turkey), सीरिया (Syria), मोरक्को (Morocco), अफगानिस्तान (Afghanistan), नेपाल (Nepal) और चीन (China) में आए भूकंप ने भी तबाही मचाई थी। इसी साल 1 जनवरी को जापान में आए भूकंप ने भी तबाही मचाई। हालांकि सभी भूकंप तबाही नहीं मचाते, पर भूकंप के मामलों का बढ़ना चिंताजनक है।