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अशोकनगर

धर्मांतरण के विरोध में एकजुट हुआ आदिवासी समाज, कहा-धर्म बदला तो आदिवासी आरक्षण क्यों?

तपती धूप में हाथों में तख्ती ले निकले लोगों ने निकाली रैली

अशोकनगरMay 24, 2022 / 11:07 am

दीपेश तिवारी

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अशोकनगर। धर्मांतरण पर आदिवासी समाज ने एकजुट होकर विरोध जताया। तपती धूप में गोद में बच्चे व हाथों में तख्ती लेकर शहर में रैली निकाली और कहा कि जब धर्म ही बदला गया तो फिर आदिवासी आरक्षण का लाभ क्यों लिया जाता है। धर्मांतरण करने वाले आदिवासी समुदाय के लोग या तो घर वापसी करें या फिर आदिवासियों के नाम पर सरकार से प्राप्त सुविधाएं व आरक्षण का लाभ लेना बंद करें।
जनजाति सुरक्षा मंच के नेतृत्व में डीलिस्टिंग महारैली का आयोजन किया गया। सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष, बच्चे व बुजुर्ग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। गांधी पार्क से इंदिरा पार्क, बिलाला मिल रोड, तुलसी पार्क होते हुए करीब दो किमी लंबी रैली निकाली, जिसमें शामिल लोगों की भीड़ का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि रैली में गांधी पार्क से इंदिरा पार्क तक लोगों की भीड़ थी। वापस गांधी पार्क पर रैली समाप्त हुई। जहां पर सभा का आयोजन किया गया और धर्मांतरण करने वाले समाज के लोगों को घर वापसी करने के लिए कहा।

बोलें- किसी ने धोखा किया तो मार देंगे या मर जाएंगे
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मुकेश वास्केल ने कहा कि हम आदिवासी पहले हिंदू हैं और सनातन हमारा धर्म है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कृष्ण और शिव हमारे भगवान हैं। त्रेता युग में भगवान राम के साथ वनवास में हमने 14 साल गुजारे हैं। हमारा इतिहास बड़ा प्राचीन है हमारे पूर्वज योद्धाओं ने मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी है।

हमारे पूर्वजों में बिरसा मुंडा, टांट्या भील मामा, रानी दुर्गावती जैसे त्यागी बलिदानी हुए हैं। किसी ने धर्मांतरण को धोखा किया तो मार देंगे, नहीं तो खुद मर जाएंगे। धर्म परिवर्तन करके जनजातीय समाज के लोगों ने समुदाय को कलंकित किया है और जनजातीय समुदाय को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ भी ले रहे हैं।

यह भी खास : विधायक भी हुए शामिल, साथ में किया भोजन
कार्यक्रम में अशोकनगर विधायक जजपालसिंह जज्जी भी शामिल हुए। जिन्होंने कार्यक्रम समाप्त होने के बाद सभी लोगों के साथ में बैठकर खाना खाया और सभी लोगों के साथ मटके का पानी भी पिया। इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए।

बिरसा मुंडा, टांट्या भील के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, इसके बाद शहर में डीलिस्टिंग महारैली निकाली गई।

महिलाएं तपती धूप व गर्म हवाओं के बीच गोद में बच्चों को और हाथों में डीलिस्टिंग के स्लोगन लिखी हुई तख्तियां लेकर शामिल हुईं।

कई दिव्यांग लोग भी शामिल हुए, एक वृद्ध का पैर नहीं था और वह पाइप बांधकर और वैशाखी के सहारे रैली में शामिल हुआ।

साथ ही कहा गया कि हम सनातन धर्म के लोग हैं, बलपूर्वक व लालच देकर समुदाय के लोगों का धर्मांतरण कराया गया जो घर वापसी करें।

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