अनूपपुर

सरहा कोना में आज तक न सड़क बनी न बोरवेल में हैंडपंप लगा, राज्यपाल के कार्यक्रम से चर्चा में आया था गांव

अनूपपुर. पुष्पराजगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बिजौरी के ग्राम सरहा कोना में 9 मार्च को राज्यपाल मंगू भाई पटेल का आगमन हुआ था। बैगा बाहुल्य इस ग्राम में उन्होंने ग्रामीणों से संवाद किया था। उनके घर में भोजन भी किया। राज्यपाल के आने के कुछ दिन पहले गांव में विकास की गंगा बहाने का काम […]

अनूपपुरNov 29, 2024 / 11:50 am

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. पुष्पराजगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बिजौरी के ग्राम सरहा कोना में 9 मार्च को राज्यपाल मंगू भाई पटेल का आगमन हुआ था। बैगा बाहुल्य इस ग्राम में उन्होंने ग्रामीणों से संवाद किया था। उनके घर में भोजन भी किया। राज्यपाल के आने के कुछ दिन पहले गांव में विकास की गंगा बहाने का काम शुरू किया गया। सड़क निर्माण के लिए मिट्टी डाली गई थी। बैगा ग्रामीणों के लिए पेयजल व्यवस्था बनाने गांव में बोरवेल व कुएं का उत्खनन कराया गया था। राज्यपाल के पहुंचने पर ग्रामीणों को ऐसा लगा जैसे अब गांव का विकास हो जाएगा तथा यहां की मूलभूत समस्याएं अब दूर होगी लेकिन सारी कवायद राज्यपाल को फील गुड कराने की थी। उनके जाने के बाद से ही सारे काम बंद हो गए। पेयजल के लिए इस गांव में राज्यपाल के आने के पूर्व कोई व्यवस्था नहीं थी। आनन फानन में यहां पर पेयजल व्यवस्था के लिए बोरवेल और कुएं का उत्खनन कराया गया। 9 मार्च को राज्यपाल यहां आए थे, 8 महीने का समय बीत रहा है, लेकिन बोरवेल में ना तो हैंडपंप लगाया गया और ना ही कुंआ में छपाई का काम किया गया। जगत निर्माण भी नहीं हुआ, जिसके कारण बारिश के मौसम में कुआं ढह गया।
बैगा आश्रम को भूले

सरहा टोला में 31 बैगा परिवार के लगभग 200 सदस्य रहते हैं। राज्यपाल मंगू भाई पटेल के आगमन के दौरान यहां बैगा आश्रम का निर्माण कराए जाने की बात मौके पर अधिकारियों ने कही थी। जिसका लेआउट भी बनाया गया था लेकिन उनके जाते ही इसका निर्माण कार्य भी आज तक शुरू नहीं हो पाया।
जलाशय के पानी में डूबी सड़क

ग्राम के समीप ही कंटूर जलाशय स्थित है जहां बारिश के दिनों में पानी भर जाने के कारण गांव में आवागमन के लिए बनाया गया मार्ग जलमग्न हो जाता है। ऐसे में जब तक जलाशय का पानी नीचे नहीं उतरता है तब तक यहां के लोगों का आवागमन इस मार्ग से बंद हो जाता है। गांव में कोई वाहन भी नहीं पहुंच पाते हैं जो यहां जाते भी हैं उन्हें आधा किलोमीटर दूर वाहन छोड़कर पैदल चलना पड़ता है, तब जाकर गांव में वह पहुंचते हैं।
जो भी कार्य नहीं हुए हैं, उन्हें जल्द ही पूर्ण कराया जाएगा। गणेश पांडेय, सीईओ पुष्पराजगढ़

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