स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं फिर कहती हूं कि वे अपने लिए लड़ रहे हैं और हम अपनों के लिए लड़ रहे हैं। अब बीच में तो यह भी पता चला रहा है कि जीजा जी भी दावा ठोंक रहे हैं। बड़े लोग जानते हैं कि पहले के जमाने में जब बस की सीट छोड़ी जाती थी तो व्यक्ति सीट पर रुमाल छोड़ देता था कि भइया अभी लौटकर आ रहे हैं, इस पर कोई दूसरा न बैठे। चुनाव लड़ने आने वाले हैं राहुल गांधी, जीजा की नजर न लगे तो अपना रुमाल छोड़कर जाएंगे… जानते वो भी हैं, हम भी हैं कि हार रहे हैं।’
स्मृति ईरानी ने राहुल पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि वो चुनाव जीतने के लिए नहीं, अमेठी में आग लगाने के लिए आ रहे हैं। वो भूल गए हैं कि आपकी दीदी ने पहले भी अमेठी में आग बुझाई है और अब भी दीदी ही आग बुझाएगी। आपने भी तो वफादारी निभाई थी। परिवार माना था। मैंने लोगों को रंग बदलते देखा है। परिवार बदलते राहुल गांधी को पहली बार देखा।’